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रूस ने युक्रेन के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है । मात्र छ करोड़ के आसपास की आबादी वाला  युक्रेन इस हमले से सिहर उठा है ,। मीड़िया रिपोर्टों के अनुसार लोग बंकरो मे जान बचाने के लिये छुपे हुवे है। रूस ने अब सैन्य ठिकानों के बाद रिहायसी ठिकानों मे भी हमला बोल दिया है । जिसमे कई नागरिक मारे गये है ।

इस बीच रुस के  भीतर से भी यह खबर आ रही है कि रुसी नागरिक इस युद्ध के खिलाफ  है  ।लगभग पचास शहरों मे रूसी नागरिकों मे इस  युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन किया है । वे सरकार से कह रहे है कि युक्रेन उनका दुश्मन नही मित्र है पर रूसी सरकार मानने को तैयार नही है ।

रूस व युक्रेन के बीच जो बिवाद है उसकी जड़ मे युक्रेन के प्राकृतिक संसाघन है ।  रूस नही चाहता कि युक्रेन का झुकाव नाटों की तरफ हो ,युक्रेन नाटो का सदस्य है पर नाटों मे शामिल नही है ।

फिलहाल इस युद्ध का असर बीस हजार भारकीय छात्रों पर भी पड़ा है जो वहां मेड़िकल की पढाई करने गये है ,उनमें से अधिकांश छात्र अभी युक्रेन मे ही फँसे है। युक्रेन में एम बी बी एस की पढाई का खर्चा लगभग साढे तीन लाख रुपये है । जो कि भारत की तूलना में बहुत कम है । इस बीच युद्ध के कारण जो छात्र वहां फसे है । उनके मां – पिता व परिजन अत्यधिक परेशान है

प्रदर्शनकारियों को पीटती पुलिस