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पतंन्जली विश्वविद्यालय के दिक्षांत समारोह मे पहुचे भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने योग की लोकप्रियता को बढ़ाने में योग गुरु बाबा रामदेव के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि योग से अनगिनत लोगों को जो फायदा पहुंचा है। उसमे पतन्जली योगपीठ का महत्वपूर्ण योगदान है पहले योग को तपस्या माना जाता था। यह संन्यासी और साधु-संतों तक ही सीमित था, लेकिन आज योग गुरु बाबा रामदेव ने योग की परिभाषा को बदल कर रख दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज ट्रेन और बसों में सफर करने के दौरान भी आम और खास अनुलोम विलोम और कपालभाति करते दिखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से 21 दिन 2015 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने योग दिवस के रूप में घोषित किया। 2016 में यूनेस्को ने विश्व की अमूल्य धरोहर की सूची में योग को शामिल किया।योग पंथ संप्रदाय से नहीं जुड़ा है, बल्कि शरीर और मन को स्वस्थ रखने की यह पद्धति है। इसलिए योग को हर विचारधारा के लोगों ने अपनाया।सूरीनाम और क्यूबा का उदाहरण देते उन्होंने कहा कि साम्यवादी देशों में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह धूमधाम से आयोजित किया जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि योग सबके लिए है और सब का है। इसीलिये सबको योग करना चाहिये । उन्होंने कहा कि पतन्जली विश्वबिद्यालय एक अभिनव शिक्षा का केन्द्र है जो स्वास्थ शिक्षा के साथ भारतीय परम्पराओ को भी आगे बढा रहा है ।
पतंन्जली पहुंचने पर बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने राष्ट्रपति का स्वागत किया पतन्जली विश्वबिद्यालय की ओऎर से उन्हे स्मृति चिन्ह भेंट किये गये ।