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बाजपुर मे पूर्व कैविनेट मन्त्री यशपाल आर्य पर हमले के प्रकरण को लेकर वार पलटवार की राजनीति शुरू हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी पूर्व केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के काफ़िले पर हुए हमले को भाजपा की साजिश बती रही है तो वहीं भाजपा इसे कांग्रेस पार्टी का अन्दरूनी मामला बता रही है । घटना के दिन पुलिस ने दोनों पक्षों की आई तहरीर पर 36 लोगो पर संगीन धराओं में मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। बीते दिन पूर्व केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को बाज़पुर में कांग्रेस पार्टी के सदस्यता अभियान में आना भारी पड़ा था। यशपाल आर्य की कांग्रेस मे वापसी के बाद लगातार एक कांग्रेस का एक धड़ा यशपाल आर्य के द्वारा बाज़पुर में चुनाव लड़ने को लेकर विरोध कर रहालहैं । बी जे पी का आरोप है कि यशपाल आर्य का बिरोध करने वाले काग्रेसी ही है । एक कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे यशपाल आर्य का विरोध कांग्रेस के ही एक गुट ने काले झंडे दिखा कर किया था ।बिरोध मारपीट तक जा पहुंची मारपीट के दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग पर पुलिस ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा सहित 12 लोगो के खिलाफ नामज़द तहरीर के आधार पक मुकदमा दर्ज किया । इसके बाद कुलविंदर सिंह किंदा ने पूर्व केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य सहित 24 लोगो के नामजद तहरीर देकर मुकदमा कराया है। जिसकी समीक्षा करने कुमाऊ के डीजीपी नीलेश आनंद भरने बाजपुर पहुंचे व घटना की जानकारी ली । नामजद आरोपियो की सीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर
कांग्रेसी नेता बब्बू सैफी के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएम धामी के पुतले को आग के हवाले कर दिया ।उन्होंने बीजीपी सरकार की सह पर 24 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर मुकदमे होने के आरोप लगाया है ।और चेताया है कि कांग्रेस पार्टी इन मुकदमों से नही डरती।

डीआईजी कुमाऊ नीलेश आनंद भरणे ने बाज़पुर में हुई टकराव वाली घटना पर दौरा करने के बाद पत्रकारो को बताया कि जब चुनाव आते हैं तब ऐसी घटाएँ बढ़ जाती ह। घटना में जांच कर कारवाही की जाएगी।

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