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अल्माण बटि हल्द्वाणि जाणक सोचनोछा तो कमर डढि के बांधीबेर जाया । सड़क गायब छू केवल बांटे बाट छ गाडि इतुक उछल नै कि ख्वार मे ले चोट लागि सके ।यदि तुम उल्टी करछा तो टैम पर गोलि खा लिया। भाट फऱकन मेंं कतई देर ना लागनेई । खैरना सडक ठुल ठुल ठेकदारोक ते तो कुबैरक खजान है गो । गारन्टी त बिल्कुले नि भे सडक मे मलु आ गै तो समझ लियो ठेकदारो लिजि त मलु हलु है गै खूब कमाई हुनेर भ ।।आजकल बाट सड़क है गै । सरकार सडक कै चौडि करन मे लागि रै । पहाड़ ऊधरन में लागि रई यो त खेल भ । पहाजौकि खुदाई होवि त पहाडौनि उधरने भ । यात्रि गणो के चिम्ता नि भे रेल गाडि छुटि ले जाला त अफी छुटनि , बिद्याथियोंक पेपर ल छुटि जालो त के बात नि भ । पर नेता ज्यु व उनार ऐजेन्टोकि कमाई न रुकन चै । चुनाव शराब आदि सबै खर्च एजेन्टै करनेर भ । गौ नालोके पगलाई जाल तबै भोट मिलाल । जो मेताक पास जतुक ऐजेम्ट ह्नाल ऊ उतुके ज्यादा बोट लाल । फिर हाल अल्माण बटि हल्ग्वणि हल्द्वाणि ब अल्माड ऊनोछा तो सावधान है बेर आया हो महाराज

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