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तीन कृर्षि कानूनों की वापसी के बाद केंद्र सरकार ने किसानों पर एम एस पी पर बात करने के लिये संयुक्त किसान मोर्चे से से 5नाम मांगे है ।

उधर, पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने भी संसद मे किसान बिलों की वापसी के बाद लगातार दूसरे दिन बैठक करके कहा कि वे अधूरी मांगों के साथ वापस नहीं जाएंगे। इस बीच, यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। एमएसपी पर कानून और किसानों पर लगे मुकदमों की वापसी के बिना हम नहीं जाएंगे। आंदोलन में शामिल निहंग भी सभी संगतों से विमर्श करने के बाद ही वापसी का फैसला लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता डा. दर्शनपाल ने कहा कि केंद्र ने मंगलवार को मोर्चा से पांच नाम एमएसपी मुद्दे पर विचार करने वाली समिति के लिए मांगे हैं, लेकिन हमने अभी नामों पर फैसला नहीं किया है। हम चार दिसंबर को नाम तय करेंगे। मोर्चा के सभी घटक संगठनों की चार दिसंबर को प्रस्तावित बैठक में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उठाए गए विभिन्न बिंदुओं और भविष्य में लिए जाने वाले फैसलों पर भी चर्चा होगी। इस बीच आन्दोलनकारी किसानो को उम्मीद है कि सरकार उनकी अन्य मांगो को भी मान लेगी वे घर वापसी को सामान बांधने लगे है ।

इस बीच, कुंडली बार्डर पर मंगलवार सुबह कई प्रदर्शनकारियों ने अपना सामान पैक कर ट्रक में रख लिया है

टिकैत ने किया ट्वीट

यूपी गेट पर भी मंगलवार को आंदोलन को लेकर मंथन हुआ। राकेश टिकैत ने दिन में प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक की और शाम करीब साढ़े पांच बजे एक ट्वीट में लिखा कि किसान, नरेन्द्र मोदी कमेटी की 2011 में बनाई रिपोर्ट को लागू करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। सरकार देश के आर्थिक तंत्र पर बोझ का रोना रोकर इससे बचने के रास्ते तलाश रही है। कई सत्तापोषित अर्थशास्ति्रयों को सरकार ने अपने बचाव के लिए आगे कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन के ट्विटर हैंडल से इसे रिट्वीट करते हुए लिखा गया कि एमएसपी जरूरी है। हालांकि यूपी गेट पर मंगलवार को ज्यादातर टेंट खाली रहे। मंच सूना पड़ा रहा।
बहादुरगढ़। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पूरी होने के बाद अब टीकरी बार्डर पर आंदोलनकारियों की ओर से रोज रात में जश्न मनाने के नाम पर हुल्लड़बाजी से लोगों को परेशानी हो रही है। आंदोलन स्थल पर सोमवार की रात बीच सड़क पर ट्रैक्टर खड़े कर दिए गए। तेज म्यूजिक के बीच युवा आंदोलनकारी खूब नाचे। ऐसे में यहां से निकलने वालों को परेशानी हुई। इन हालातों को देख अब बैरिकेडिंग के दोनों तरफ सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

मंगलवार को एक तरफ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और दूसरी तरफ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान तैनात किए गए। सीआरपीएफ के महानिरीक्षक ने दौरा कर हालात जाने। टीकरी बार्डर पर कई जगह सामान लदे ट्रैक्टर-ट्राली खड़े हैं। अब एसकेएम की घोषणा का इंतजार है। सभा के मंच से कई वक्ता अभी आंदोलन जारी रहने की बात कहते नजर आए। हरियाणा से किसान नेता जोगेंद्र सिंह ने कहा कि हम यहां किसी से टकराने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि अपनी मांग मनवाने के लिए आए हैं।

महिलाओं की भूमिका की सराहना

नया गांव चौक पर भाकियू एकता उगराहा संगठन के मंच से आंदोलन में महिलाओं की भूमिका की सराहना की गई। मालन कौर कोठागुरु ने इस संघर्ष में महिलाओं द्वारा निभाई जा रही भूमिका, उनकी भागीदारी की सराहना की। पलविंदर कौर अमृतसर ने किसानों, श्रमिकों और निजीकरण, वैश्वीकरण और खुले बाजार की नीतियों को लेकर मानसिक रूप से तैयार रहने का आह्वान किया

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