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समूचे विश्व मे 11जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के रूप मे मनाया जाता है । वर्तमान मे दुनिृा मे इंन्सानों री आवादी लगभग आठ अरब है । आठ अरब लोग सम्मानित व ब्यवल्थित जीवन जी सके इस पर होष्छी सेमिनार व जागरूकता के लिृे विश्व जनसंऱ्ृा दिवस मनाया जाता है ।
विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रमकी तत्कालीन शासी परिषद की तरफ से की गई थी। 11 जुलाई 1990 को यह दिवस पहली बार 90 से अधिक देशों में मनाया गया था
2022 मे विश्व स्तर पर परिचर्चा की जो थीम रखी गई है उसका विषय है , “आठ बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीला भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना है” (“A world of 8 billion: Towards a resilient future for all – Harnessing opportunities and ensuring rights and choices for all”)। आज भी विश्व के आठ अरब लोगों के पास समान अधिकार और अवसर नहीं हैं। दुनिया भर में इसी दागरूकता के लिये विश्व जनसंख्या दिवस ममाया जा रहा है । दुनिया मे जाति धर्म लिंग विगलांगता व अलग – अलग रहन शहन मूल देश के आधार पर भेदभाव, उत्पीड़न और हिंसा दुनिया भर मे कही ना कही होती रहती है । अधिक जनसंख्या के मुद्दे के कारण उभरते देशों में लैंगिक असमानता , भ्रूण हत्या और मानवाधिकारों का उल्लंघन पहले से कहीं अधिक दुनिया मे हो रही है यह आम बात है ।आम है। विश्व स्तर पर इस दिन को सेमिनार,वाद विवाद चर्चा, शैक्षिक सत्र, सार्वजनिक प्रतियोगिताएं, नारे, कार्यशालाएं, व गीत आदि के आयोजनों के साथ मनाया जाता है।

विश्व जनस्ख्या मे चीन का योगदान लबसे अधिक है पर उसके पास क्षेत्रफल अधिक है । पर इस आठ अरब की विश्व जनसंख्या मे भारत का योगदान एक अरब चालीस करोड़ है । देश के सामने इस जनसंख्या को ब्यवस्थित करने का उत्तरदायित्व है । इसलिये भारत के परिपेक्ष्य में इसका बहुत बड़ा महत्व है ।

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