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इतिहास मे पहली बार अजमेर शरीफ में लोगो का आना जाना कम हो गया है ।, सूत्रों के अनुसार नुपुर शर्मा के बयान के बाद मुस्लिम जगत से जिस प्रकार की प्रतिक्रिया आई इस प्रतिक्रिया मे अजमेर अंजूमन कमेटी के सचिव सरमन चिस्ती ने हिन्दुओं के बहिष्कार का जो नारा दिया ,इसने एक नई साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को जन्म दिया है । यहां दरगाह के एक खातिम चिश्ती ने नुपुर शर्मा का सिर कलम करने का नारा दिया था। खातिम ने कहा था कि जायरीन हिन्दु दुकानदारो से खरीद ना करें। जिसके बाद वहां लोगो की आवाजाही लगभग बन्द हो गई है। कारोबारी परेशान है । होटल रेस्तराओ मे यात्री नही है ।
इस बयान पर प्रतिक्रिया करते हुवे दरगाह के गद्दी नसीन चिस्ती फाउन्डेशन अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा कि यह गैर इस्लामिक नारे है । हालांकि उन्होंने नुपुर शर्मा के बयान का भी बिरोध किया था ।उनका कहना है कि इन नारों का इस्लाम से कोई लेना देना नही है । उन्होंने कहा कि जो भी मौलवी इस प्रकार की नफरत फैलाते है ।हम उनकी निन्दा करते है ।

अजमेर शरीफ हमेशा जायरीनों से भरा रहता है पर जबसे यहा के एक चिस्ती ने भडकाऊ नारे लगाये लोगों ने दरहाह आना बन्द कर दियाहै। मीड़िया खबरों के अनुसार दरगाह के निकटवर्ती क्षेत्रों में कारोबारियों पर बिपरीत असर पड़ा है । लोगो की भीड़ सिमित हो गई है नहां अब तक नब्बे प्रतिशत आवाजाही कम है । जिससे दरगाह की लामान्य दिनतप्या पर असर पड़ा है दरगाह को हिन्दु मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता रहा, पर हालिया बयानों मे इस एकता मे नफरत घोल दी ।

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