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  अड़ानी ने कभी  नही सोचा होगा कि दुनिया मे अमीरों की लिष्ट मे तीसरे नम्बर पर आने के बाद केवल एक माह  में ही वह  दुनिया के टाप 30 उद्योगपतियों की लिष्ट से बाहर हो जायेंगे अड़ानी अकेले ही नही डूब रहे है अपितु  इसका असर देश की अर्थब्यवस्था पर भी पड़ा  है , जिस प्रकार दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिष्ट  में भारत के उद्योगपति अपना  स्थान बना रहे थे  उससे देश भी अपने आप को गौर्वान्वित महसूस कर रहा था । अड़ानी  के शेयरों मे गिरावट से   देश मे अड़ानी समुह के मिनेशक एल आई सी , स्टेक बैंक आफ इण्ड़िृा मे भी असर पड़ा है , रेत के महल खड़ा कर देने से कोई घराना  बंगलों रा मालिक नही बनता तिलिष्म जरूर पैदा कर देता है । ब्यापार प्रपोगण्ड़ा से नही मांग व पूर्ति से बढता है ।

अडानी ग्रुप  की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला  अभी जारी है । आज यनि सोमवार को अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड समेत बाकी कंपनियों के शेयरों बिकवाली के कारण दबाव नजर आ रहा है। बाजार में इन कम्पनियों के शेयरों मे लगातार विकवाली की सूचना है। लगातार टूटते शेयरों की वजह से अडानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन घट रह है। केवल एक ही दिन मे  आज के कारोबार में बिकवाली के दबाव के कारण अडानी समूह की 10 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 7 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया। यह आश्चर्यजनक है ष

सोमवार के इंट्राडे स्तर पर अडानी समूह का मार्केट कैपिटलाइजेशन 6.97 लाख करोड़ रुपये रहा वहीं, 24 जनवरी को मार्केट कैपिटलाइजेशन 19.19 लाख करोड़ रुपये रहा था।तब से लेकर इसमें 63.69 फीसदी या 12.22 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है. अमेरिकी रिसर्च हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को जोरदार झटका दिया है. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें शेयरों के हेर-फेर और कर्ज को लेकर बड़े दावे किए गए थे।इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी के शेयरों में भारी गिरावट आई है।

  अड़ानी की कम्पनियों मे शेयरों की विकवाली का असर भारतीय अर्थब्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

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