अल्मोड़ा साल का अन्ति माह आते ही बिद्युत विभाग अपने बिलों की वसूली रो लेकर डुगडुगी कराता है । पर कई उपभोर्ता इस बात से हैरान है कि नियमित बिल भरने के वाद भी साल के अन्त मे इक्ट्छे हजारों रुपयो का बिल कैसे आता है
उपभोक्ताओ का कहना है कि बिभाग के कर्मचारी अनुमानित युनिट का बिना मीटर चैक करे ही बिल बनाकर दे देते है । जब साल के अन्त मे मीटर की रिडिग की जाती है तो अन्तिम ंमहिनेमे हजारों युनिटो का बिल इकट्ठा भरना पडता है । जिससे उपभोक्ता व बिजली बिभाग के कर्मचारियों व बीच बिवाद के हालात बन जाते है । यदि उपभोक्ता नियमित बिल भरते है फिर अचानक हजारों युनिट का बिल आता है तो इसके लिये सीधे तौर पर बिभागीय कर्मचारी ही जिम्मेदार है । उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि कर्मचारियों को रिडिग लेने की फुर्सत नही है तो उपभोर्ताओं को नौन रिडंग का बिल भेजा जाना चाहिये । परन्तु अपने आप को काम मे ब्यस्त दिखाने वाले कर्मचारी ऐसा नही करते वे अनुमानित युनिट का बिल देते है । यही प्रबृति उपभोक्ता व बिभाग के बीच बिवाद को बढाते है । इसका सबसे बड़ा खामियाजा ग्रामीण उपभोक्ताओं को भुगतमा पड़ रहा है ।
उपभोक्ताओं से बातचीत के आधार पर यह आम शिकायत सामने आ रही है कि आजकल लगये गये इलेक्ट्रोनिक मीटर भी कभी कभी जम्प करते है । शिकायत करने पर इन मीटरों को चैक कराने की जिंम्मेदारी भी उपभोक्काओ पर ही डाल दी जाती है ।जिन घरो मे केवल बुजुर्ग है वे इन खामियों का शिकार होते है।