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अच्याल पहाडो मे ब्या कामोंकि चुट्ट पणि रई लोग -बाग प्रवास बटि ब्या कामन मे शामिल होनकि त पहाडो मे उनई । हल्द्वाणि वटि खैर्ना होते हुवे अल्माण पुजन बहुते मुस्किल है रो। कब रोड बन्द है जौ, क्वे न जाडण । सरकार पहाडों मे मैदानोकि ज सडक बडौन चाने पर पहाड ले कम न भाय सरकार जतुक कोशिस करनै। पहाड ल उतुके बेर भरभराट करिवेर बाट बन्द कर दिनेर भाय । सडक फिर खराब । हम लोग आपुकें सामाजिक कार्यकर्ता समझवेर जब अधिरारियो दिगडि मिलने जनेर भयाँ तो एक सैपोनि हमन्के बता,” कि बात करछा हो, दयाकृष्ण ज्यु ‘तुमरिते यो सडको मे मलु ‘भ ‘ ठेकदारो व हम सैपलोगो लिजि त ‘हलु ‘भ । जब सडक उधरैलि तबे काम ल हौल ।जब काम हौल तबै रुपे कमाई जाल , यो तो चलते रौल । चाहे तुम कतुके हल्ल करो । आब तुमें बताओ जब गौ – गौ मे सडक जालि तब कन्टोलोक राशन ल पुजौल जब सडक उधैरलि तब ठेकदार के काम मिलल । गौन मे ब्या काम हरई हल्द्वाणि दिल्ली बटि लोग उनई उन लोग पहाड मे कसिक चढ सकनी ।.उनोके कतुत परेशानी हुनेर भ येक ललिजि सडक जरूरी चैन भ फिलहाल जो वोग ल न्यूत पौतन मे ऊन लागि रैछा गरम कपाड , जरूर लाया बहूतें ठण्ड हैरो । मिठाई ताजि ताजि लिया । आजकल सब्बै लोग मैदानो बटि कुन्द लिन्हेर भाय य़ पहाडो मे आप गौरू भैसा पालनि वाल लोग बहूते कम र गई । आग ल कम लोग तापनई । तो आपू लोग गरम बनीन या जैकेट जरूर लाया ।

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