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लखनऊ के ॊमाचार पत्रों मे यह खबर सुर्खियां बनी की एक नाबालिक बच्चे ने अपनी मां को गोली से उड़ा दिया । एक आर्मी अफ़सर के 16 वर्षीय पुत्र ने अपनी मॉ की सोते हुए अपने पिता के लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर हत्या कर दी कारण यह था कि मॉ उसे मोबाइल में PUB-G गेम खेलने से रोकती रहती थी । बताया जा रहा है कि लड़का इस गेम का पागलपन की हद तक एडिक्ट था । लड़के के पिता की पोस्टिंग किसी अन्य प्रदेश होने के कारण घर में लड़का व उसकी मॉ तथा एक दस वर्षीय बहन रह रहे थे। आर्मी अफ़सर के एक भाई भी अपने परिवार व लड़के के दादा दादी के साथ कुछ ही फ़ासले पर रहते हैं ।

घटना वाले दिन की रात को भी मॉ बेटे का मोबाइल गेम को लेकर झगड़ा हुआ था । रात को लगभग 3 बजे जब लड़के की मॉ उसकी दस वर्षीय बहन के साथ सो रही थी लड़के ने अपने पिता की रिवाल्वर से मॉ के सिर में गोली मार दी । गोली की आवाज़ से जब उसकी छोटी बहन की ऑख खुली तो उसने उस मासूम को भी धमकी दी कि यदि उसने किसी को कुछ बताया तो वह उसे भी मार देगा । लड़के ने अपनी मॉ की लाश को घर के एक कमरे में बंद कर दिया और दो दिन तक घर में ही रहा । अपनी बहन के लिए वह खाना भी बाहर से लाता था । अगले दिन से घर में जब लाश के सड़ने की दुर्गंध फैलने लगी तो वह लड़का रूम फ़्रेशनर से उसे दबाने की कोशिश करता था । समाचार पत्रों मे प्रकाशित खबरों के अनुसार मृतका साधना के पति फौज में जेसीओ हैं जो फिलहाल जिला आसनसोल पश्चिम बंगाल में तैनात हैं। लखनऊ के पीजीआई इलाके में साधना अपने 16 साल के बेटे और 10 साल की बेटी के साथ रहती थी।. पुलिस ने जब हिरासत में लेकर बेटे से पूछताछ की तो पूरा मामला खुला। एडीसीपी कासिम आब्दी के मुताबिक आरोपी बेटा मोबाइल गेम और सोशल मीडिया का लती हो चुका था।मां साधना उसको सोशल मीडिया और मोबाइल से दूर रहने के लिए हमेशा टोकती रहती थी। पिछले रविवार को भी मां ने बेटे को मोबाइल पर पब्जी खेलने को लेकर डांटा था  जिससे झल्ला कर बेटे ने इस वारदात को अंजाम दिया।उक्त घटना के दो दिन बाद पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो लड़के ने पुलिस को बताया कि घर में एक इलेक्ट्रिकशन आया था और उसी ने उसकी मॉ को मारा है। लड़का इतना शातिर था कि घर में बंधे एक बड़े कुत्ते को भी उसने खुला छोड़ दिया था कि कुत्ते के डर से कोई घर के अंदर न आ सके।

पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो लड़का टूट गया और सारी हक़ीक़त पुलिस के सामने क़बूल कर ली । लड़के को पुलिस ने फ़िलहाल बाल सुधार गृह में भेज दिया है ।

इस घटना ने सभ्य समाज के लोगों को हिला कर रख हदिया है । एक 16 साल का बच्चा जो एक संभ्रांत परिवार का है वह एक गेम का इस क़दर एडिक्ट बन जाता है कि वह बेख़ौफ़ होकर एक पेशेवर हत्यारे की तरह अपनी मॉ की हत्या कर देता है ,और उसे कोई पछतावा तक नहीं होता। क्या ये मोबाइल गेम्स हमारे बच्चों को अपराधी प्रवृत्ति का बना रहे है ? कुछ दिनों पहले भी एक ऐसे गेम की चर्चा थी उसके आख़िरी स्टेज में बच्चे आत्म हत्या तक करने लगे थे । कौन है इस तरह के गेम्स बनाने व उन्हें प्रमोट करने वाले जो बच्चों के कोमल मस्तिष्क को अपराध की और ढकेल रहा है । क्या इस तरह के गेम्स पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए ?

मृतक साधना का वाईरल फोटो