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23 दिसम्बर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को आज देश भर मे याद किया गया देश मे एक किसान नेता के रूप मे चौधरी चरण सिंह मे अपनी विशेष पहचान बनाई । वे स्वच्छ एवं वेदाग छवि वाले स्वामिदयानद तथा गांधी के आर्थिक दर्शन के अनुयायी थे। राष्ट्र एकता व् अखंडता हेतु जाती पंथ को सवसे बडी़ वाधा मानते रहे। इसका निराकरण राजकीय राजपत्रित सेवाओ में अंतरजातीय व् अंतरभाषायी के मध्य विवाह को आवश्यक अर्हता {इंग्रीडिएंट}होने के हामी थे। मगर नेहरू जी ने उनके इस कार्य को निजी कहकर टाल दिया था जिसका परिणाम आज जाती संप्रदाय की बीभत्सता में देखा जा सकता है। सदा जीवन उच्च विचार के धनि चरण सिंह जी ने स्वयं की संतानो के विवाह अंतरजातीय किये। उंच नीच के भेदभाव को छोड़ हरिजन रसोईया रखते थे। रोजगारसृजन हेतु ग्रामीण कृषि आधारित अर्थ व्यवस्था को छोड़ भारी उद्योगो से जो असंतुलन वना हे उसके नतीजे सामने हे। चौधरी साहव निर्यात के लिए भारी व् स्थानीय अवश्यसकताओ के लिए लघु गृह कुटीर कृषि उत्पादों पर आधारित होना चाहते थे। गाय के सच्चे भक्त थे गोदुग्ध ही लेते थे गाय के दूध की रावड़ी की व्यवस्था मेने उनके हिंडौन कार्यक्रम के समय की थी। वे गुण कर्म स्वाभाव से जो दीखते थे वही थे वनावटी पन उनसे दूर था। आज पाष्ट्र मे पूर्व प्रधानमंन्त्री चौधरी चरण सिंह को याद किया । उन्हें श्रद्धान्जली दी

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह