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विहार देश का एक ऐसा प्रान्त है ,जहां से सम्भवत: सर्वाधिक पलायन है । देश भर में बिहारियों ने एक अच्छा मुकाम हासिल किया । वे मजदूर से अधिकारी तक लेखक से पत्रकार व वैज्ञानिक से सैनिक तक अच्छा मुकाम हासिल कर चुके है, बिहारी देश को सर्वाधिक अधिकारी प्रदान करने वाले है , गणित मे तो बिहारियों का कोई मुकाबला नही है ।

एक दौर था जब बिहार में सबसे अधिक बाढ आती थी , परिवारों के सुरक्षित बचने की कोई गारन्टी नही थी पर विहार ने अब काफी प्रगति कर ली है अब बाढ का वैसा कहर नही है , पर सबसे बड़ी बात यह है , कि उन्होंने भलेहि दुनियां फतह कर ली हो पर बिहारी अपनी मातृभूमि नही छोड़ता , छठ पूजा विहार का एक ऐसा पर्व है , जिसकी महक महसूस करने करने के लिये बिहारी अपनी मातृभूमि में जरूर आता है । सम्भवत: इसी लिये बिहार महान है । देश भर में सेवा करने के बाद विहारी बिहार के प्रति आकर्षण नही छोड़ता ।

देश का चर्चित पत्रकार रवीश कुमार इन दिनों छठ पूजा में अपने गांव गये है । यह बात उन लोगों के लिये प्रेरणा स्रोत है । । जो अपने गांव से कस्बे में आ जाते है , फिर पलट कर नही देखते , उन मंन्त्रियों बिधायकों के लिये भी प्रेरणा है जो विधायक बनने व मन्त्री बनने के बाद केवल नेतागिरी करने के लिये ही , अपनी बिधानसभा की तरफ रूख करते है । अघिकांश कर्मचारियों का तो क्या कहना वे मौत से इतने भयभीत है कि उन्हें अस्पताल के पास ही घर चाहिये । उन्हें छींक भी आये तो अस्पताल पहुंच जाये । स्कूल तो उनके लिये बड़ी समस्या बन चुके हैजिन्होंने गांव मे पड़कर ही मुकाम हासिल किया वे आद गांव से ही घृणा करने लगे है । समस्यायें जरूर है पर अपनी मातृभूमि का मोह नही है, हमें मातृभूमि के प्रति मोह व आदर का भाव बिहारियों से जरूर सीखना चाहिये । उत्तराखण्ड़ के पलायन आयोग को भी जरूर जानना चाहिये कि बिहारियों मे क्या है जो वौट कर विहार दाते है हम उत्तराखण्ड़ी अपनी बोली भाषा, खेत खलिहान रहन -शहन सब भूल चुके है ।

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