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उत्तराखंड सरकार ने 2022 के लिए उत्तराखंड गौरव सम्मान की घोषणा कर दी है। इस सम्मान सूचि में गिरीश तिवारी गिर्दा को दिया जा रहा सम्मान जन संरोकारों का सम्मान है जो यह सन्देश देता है कि सत्ता को जनसरोकारो के लिये चेताने वाला भी सत्तानशीनों की सूचि में स्थान बना सकता है गिरीश तिवारी गिर्दा उत्तराखंड के जन मुद्दों पर हमेशा मुखर रहे उन्होंने आजीवन उत्तराखंड के जन संघर्षों को एक नई धार प्रदान की, सरकारी सेवा मे रहते हुवे उन्होंने एक रंगकर्मी के तौर पर गिरीश तिवारी गिर्दा हमेशा पहाड़ की आनाज को धार देते रहे । उत्तराखंड में वन आंदोलनों से लेकर राज्य आंन्दोलन तक उनकी आवाज आन्दोलनकारियों को श्वर प्रदान करते रहे । राज्य बन जाने के बाद भी गिरीश तिवारी गिर्दा ने गैरसैण राजधानी व नदी बचाओं आन्दोलनों को अपने श्वर प्रदान किये जिनकी उपेक्षा करना किसी भी राज्य सरकार के बूते की बात नही है क्योंकि गिर्दा के ये श्वर आज भी आम जनमानस के मन मस्तिष्क में अपनी अमर छाप छोंड़े हुवे है । नदी बचाओ आंदोलन में गिर्दा के गीतों ने एक विशेष धार प्रदान की थी , पर आन्दोलनों को धरातल पर उतारने वाले जननायक भी इस सम्मान के हकदार है जो इन आन्दोलनों के सूत्रधार रहें ।

राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा वह सम्मान भी बहुत महत्वपूर्ण है जो विरेन्द्र डंगवाल को दिया जा रहा है , उत्तराखण्ड़ राज्य आन्दोलन मे यदि आन्दोलनकारियों की बड़ी भूमिका थी तो उस दौर में पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों की भी कोई कम महत्वपूर्ण भूमिका नही थी , राज्य सरकार ने आन्दोलन कारियों को पेंन्शन प्रदान की पर उस दौर में जोखिम भरी पत्रकारिता करने वाले पत्रकार राज्य बनने के बाद दर – दर की ठोंकरें खा रहे है । कमसे कम विरेन्द्र डंगवाल ही सही राज्य सरकार ने पत्रकारिता के महत्व को समझा तो सही । वीरेंद्र डंगवाल को मरणोपरान्त दिया जा रहा यह सम्मान अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है वीरेंद्र डंगवाल ने अमर उजाला जैसे महत्वपूर्ण अखबार में लेखन कार्य से उत्तराखंड के जन मुद्दों को प्रमुखता से उभारा था ।
भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को उत्तराखंड सरकार द्वारा दिया जा रहा सम्मान उनकी योग्यता का सम्मान है मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले प्रसून जोशी के पास फिल्मी दुनिया का विशेष अनुभव है , उत्तराखण्ड की खूबसूरत पहाड़ियों में यदि फिल्मांकन की शुरुवात हो , प्रसून जोशी की उपस्तिथि का लाभ राज्य उठा सकता है । उत्तराखंड इन सुंदर पहाड़ों में फिल्मों के लिए अनुकूल वातावरण मौजूद है ।
पूर्व चीफ आफ डिफेंस स्टाफ स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत को उत्तराखंड गौरव सम्मान से राज्य सरकार सम्मानित कर रही है जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस रहे जिन्हें मरणोपरांन्त यह सम्मान दिया जा रहा है । उनका सम्मान एक सैनिक का सम्मान है ।
अजीत डोभाल अभी सेवा में है उन्हे भी राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड़ गौरव सम्मान के लिये चुना गया है यह सम्मान देश भक्ति का सम्मान है ।

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