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चार धाम यात्र का जुनून लोगों के सिर चढ कर बोल रहा है कोरोना काल के बाद इस बार इस यात्रा मे ऐतिबासिक बढोत्तरी देथी जा रही है इसी बीच यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए दो यात्रियों की रविवार को हृदय गति रुकने से मौत हो गई। अक्सर ज्यों ज्यों यात्री उपर की ओर जाते है त्यो – त्यो आक्सीजन की कमी भी होती है पहाड़ी मार्गों मे यात्रा अत्यधिक थकाने वाली होती है अभी तक सर्वाधिक मौको का आंक़़ड़ा यमुनोत्री धाम के नाम है । इस यात्रा में हृदय गति रुकने से होने वाली मृतकों की संख्या अब नौ हो गई है। इस बीच एक यात्री एक यात्री की मौत पहाड़ी से आए पत्थर लगने के कारण भी मर गया ।
सूत्रों के अनुसार रबिवार को जिनकी मौत हुई उसमे संजना बाई पंवार(75) पत्नी नाथू सिंह पंवार निवासी गोथानिया, झाबुआ मध्य प्रदेश अपने परिजनों के साथ रविवार को यमुनोत्री यात्रा के लिए आई थीं। जानकीचट्टी में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए यात्रा अस्पताल पहुंचाया गया।
संजना बाई ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, दूसरी ओर बालासाहेब डेगडु जैन (73) पुत्र डेगडु शंकर जैन निवासी गंगापुर रोड नासिक अपने साथियों के साथ यमुनोत्री की पैदल यात्रा कर रहे थे। पैदल मार्ग पर भिंडयालीगाड़ के समीप वह अचानक बेहोश हो गए। जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों यात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है। यात्रियों को पहाड़ी मार्गों की जानकारी नही होने से अर्सर वे परिसान व तनाव मे आ जाते है दिससे मौते संम्भव है ।

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