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केरल हाईकोर्ट ने लक्षदीप के सांसद मोहम्मद फैजल को दस साल की सजा के आधार पर लोकसभा से निलम्बन आदेश पर रोक लगाते हुवे उनकी सदस्यता को बहाल करने का आदेश दिृा था जब सदस्यता बहाल नही हुई तो फैजल सुप्रिम कोर्ट गये । उन पर पर एक व्यक्ति को जान से मारने की कोशिश करने के आरोप में दस साल की सजा हुई थी। । उन पर 2017 में एफ आई आर सं (1) 2017 केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप मे पंजीकृत हुई जिस पर 11 जनवरी2023 को सजा सुनाई गई । जिसके बाद लोकसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई इस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है जिसके बाद मोहम्मद फैजान की सदस्यता बहाल हो गई है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1)ई जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 के तहत उन्हें अयोग्य ठहराया गया थ किंतु उन्होंने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी हाई कोर्ट ने उन्हें इस मामले में 25 जनवरी 23 को बरी कर दिया है इसके बाद भी उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल नही की गई तो उन्होंने सुुप्रिम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया । अब इस सम्बन्ध में लोक सभा सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा है कि केरल हाईकोर्ट द्वारा 25 जनवरी के आदेश के क्रम मे उनकी सदस्यता बहाल की जा रही है ।

इस फैसले के बाद हाल के दिनों मे लोकसभा व विधानसभाओं के उन सदस्यों को राहत मिलने की संम्भावना है जिन पर सदस्यता रद्द होने की तलवार लटकी है लटक चुकी है ।

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