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, उत्तराखण्ड़ के तमाम घाटों मे व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। ऋषिकेश के घाटों लोक आस्था की ब्यार बहती नजर आ रही है। लोकपर्व छठ के पावन अवसर पर रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तीर्थनगरी के गंगाघाटों, तटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
आस्था के इस पावन पर्व पर विहार समेत पूर्वांचल मूल के हजारों लोग बाजे गाजों के साथ त्रिवेणीघाट समेत विभिन्न इलाकों से गंगातटों पर पहुंचे। देर शाम त्रिवेणीघाट पर भजन संध्या और बिरहा मुकाबला भी आयोजित किया गया। तीर्थनगरी और आसपास के इलाकों में सूर्य भगवान की आराधना का लोकपर्व छठ हर्षोल्लास से मनाया गया।पारिवारिक सुख-शांति, समृद्धि की कामना कीइस मौके त्रिवेणीघाट को दुल्हन की तरह सजाकर पूजा-आराधना के लिए खासे इंतजाम किए गए थे। अपराह्न के बाद से श्रद्धालुओं के गंगातटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जो कि सूर्यास्त से कुछ देर पहले तक अनवरत जारी रहा।इस दौरान श्रद्धालु अलग-अलग इलाकों से टोलियां बनाकर टोकरियों में पूजा सामग्री लेकर गंगातटों पर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने शाम सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और पारिवारिक सुख-शांति, समृद्धि की कामना की।उधर, त्योहार के दृष्टिगत श्रद्धालु महिलाओं का निर्जल व्रत रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। महिलाएं सोमवार को प्रात: सूर्योदय पर अर्घ्य के बाद व्रत खोलेंगी।