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राज्य सरकार एक बार फिर आन्दोलनकारियों का चिन्हींकरण कर रही है । पहले जिन मानकों के आधार पर आन्दोलन रारियों की चुन्हीकरण हुवा आज वे मानक बदल गय् है ऐसे मे वास्तविक आन्दोलनकारी चिन्हित हो पाईगे इसमे सन्देश है । उस दौर मे यदि कोई आन्दोलनकारी था तो वे पतिरकार सहसे आगे थे राज्य सरकार केमानकों मे इऎन्बें शामिल करने की कोई प्रविधऎआन नही है भी कई जनपगों मे सरकार एवं प्रशासन द्वारा चिन्हीकरण की बैठकों को नहीं किया गया । राज्य आन्दोलनकारी हर्ष प्रसाद काला का कहना है कि कुछ जनपदों मे बैठके हुई है पर सूची को अंतिम रूप देने पर भी चिन्हित आन्दोलनकारियों की सूची घोषित नहीं की गई जबकि जिलाधिकारी पौड़ी ने बैठक करने को ही मना कर दिया साथ ही देहरादून शहीद स्मारक पर 10%क्षैतिज आरक्षण का शीघ्र शासनादेश के लिए आन्दोलनकारी5दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे है ऐसी स्थिति को देखते हुए सभी आन्दोलनकारी साथियों सेअनुरोध है कि सरकार की मंशा आन्दोलनकारियों को गुमराह कर एवं अपमानित करने की है जो कदापि सहनीय नहीं है। लगता है कि इस बार भी अधिकांश आन्दोलनकारी चिन्हित नही हो पाईगे ।

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