पिछले 2017 के चुनावों मे 99 सीटें जीतकर सरकार बनाने वाली बी जे पी को इस बार भी कडी टक्कर मिलने की उम्मीद है ।पर आम आदमी पार्टी की इन्ट्री से विशेषज्ञ यह दावा कर रहे है कि इससे बी जे पी व सरकार के खिलाफ पड़ रहे बोटों का बटवारा होगा व बी जे पी एक बार फिर से सरकार बनायेगी ।
यद्यपि इस बार बी जे पी के लिये गुजरात चुनाव आसान नही बताये जा रहे है , गुजरात मे बी जे पी सरकार चलाने का रिकार्ड बना तुकी है ऐसे में एन्टी कम्बैन्सी का होना तय है , पर त्रिकोणीय मुकावले ने बी जे पी के साथ ही काग्रेस की भी मुस्किलें खड़ी कर दी है ।
पिछले एक महीने से ही बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने राज्य में अपना चुनावी अभियान बेहद तेज़ कर रखा है.
2017 में राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुक़ाबला था. कांग्रेस ने यहाँ बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी और उसे 99 सीटों से संतुष्ट होने पर मजबूर कर दिया था।
इस बार आम आदमी पार्टी ने नए जोश के साथ गुजरात चुनाव में एंट्री की है, रणनीतिकार इस तत्थ्य पर भी बिचार कर रहे है कि यदि सत्तारूढ दल भा ज पा फिर से सरकार नहू बनाती को काग्रेस की तूलना मे आम आदमी पार्टी की बढत बी जे पी के लिये सकून भरा बोगा क्योकि इससे गेश मे काग्रेस की तरफ ले बी जे पी को केन्ग्र मे मिल रही चुनौती पर भी असर पड़ेगा बिपक्षी एकता में भी खलल पड़ेगा। आप की बढत से कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए मुक़ाबला मुश्किल हो गया है ।फिर भी बीजेपी के लिए यहाँ दांव ज़्यादा बड़ा है। पर काग्रेस को भी अपनी गिरती साख बचाने के लिये चुनावो मे बाजी पलटना जरूरी है ।
2012 में बीजेपी ने यहां 115 सीटें जीती थीं लेकिन 2017 में कांग्रेस की ओर से मिली टक्कर की वजह से इसकी सीटों मे कमी आई थी पार्टी 99 सीटों पर सिमत गई पर सरकार बी दे पी की ही बनी