102 total views

  बात उन दिनो की है जब देश नया -नया आजाद हुवा था डा राजेन्द्र प्रसाद , को भारतीय संविधान सभा का अध्यक्ष  बनाया गया तो उन्होंने  देश मे विविध समितियां बनाई तथा उस समय के सबसे अधिक पढे लिखे बंचितों के  नेता डा. भीमराव अम्बेदकर पर  देश  की संविधान सभा ने भरोसा किया उन्हें  संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया । इस कमेटी मे  अन्य सदस्य भी शामिल थे पर उदासीन बने रहे । अत: संविधान के प्रारूप को बनाने का गुरुत्तर दायित्व डा. भीमपाव अम्बेदकर मे उठाया । कथा संनिधान के प्रारूप में दस वर्षों के  लिये भारत के दलित पिछड़ो  के लिये  आरक्षण का प्रावधान किया इसी प्रावधान के कारण भारत के दलित आज अम्वेदकर को अपमा जन मायक मानते है उनका जन्म   दिन  दलित पिछड़ों को एक  राजनैतिक, व धार्मिक चेतना प्रदान करता है ।

ड़ा भीमराव अम्बेदकर  ने संविधान में किसी के लिये नफरत व घृणा का प्रविधान नही किया है सभी के लिये समान अवसर व दलित पिछड़ों के लिये विशेष अवसरों के  प्रावधान किये है । अम्बेदकर  भारतीय संविधान की ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष होने के नाते सर्व समाज के नेता है पर इन दिनो उन्हें एक समुदाय का नेता बनाने की होड़ लगी है ।

अल्मोड़ा के ऐतिहासिक रामजें  इन्टर कालेज के प्रांगण में आज दलित संगठनों ने उन्हें  याद किया,  तथा बाबसाहेब को श्रद्धान्जली दी , दलित चेतना पर खूब चर्चा हुई , ।  कार्यक्रम का  संयोजन  एड अखिलेश टम्टा ने किया कार्यक्रन पूरे दिनभर  चला । 

Leave a Reply

Your email address will not be published.