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चाहे शास्त्र कितना ही क्यों ना चीखे , कि ईश्वर सब जगह , सब रूपों में निराकार रूप मे विघ्यमान है  एक ही ईष्ट उनकी सब प्रार्थनाओं को सुन सकता है । समस्याओं का समाधान व मारंपर देश का एक बड़ा तबका ऐसा मानने के लिये तैयार नही है वह ईश्वर को अरने पूजा स्थलों मे ही खोजता है मन के भीतर  ईश्वर को  खोजना मनुष्य के लिये आसान नही है , चमत्कार को नमस्कार करना भाग्यवादी होना ,  कई कुंठाओं को जन्म देता है ।  समाज मे हर किस्म के लोग है , उनका सानिध्य सुख व दुख दोनों ही प्रदान करता है , बाबा  नीम करौली के सम्बन्ध मे भी यह बात प्रचलित है , वह वर्तमान भूत व भविष्य के बारे मे जानते थे ,कई बार उन्होंने भक्तों को जो सलाह दी उससे उन्हें लाभ भी हुवा , पर जिन्होंने नही मानी उन्हे काल का फल भुगतना पड़ा ,यह उन दिनों की बात है जब  बाबा जीवित थे , पर अब जबकि बाबा नीम करौली शरीर रूप में  जीवित नही है , तो लोगों की मान्यता ,है कि वह शूक्ष्म शरीर मे मौजूद है । इसी मान्यता के चलते कैची धाम में भक्तों की अथाह भीड़ है । तीन जिनों की छुट्टियों के कारण प्रशासन को यातायात का डाईवर्जन  कर दिया है , यात्रियों को रामगढ से  आना जाना करना पड़ रहा  है ।14 अप्रेल से 16 अप्रेल रविवार तक यातायात ब्यवस्था मे परिवर्तन किया गया है । इसके लिये अतिरिक्त ब्यय व समय भी लगा रहा है , ऐसे मे कैची धाम के लिये एक बैकल्पिक मार्ग की अति आवश्यकता है । फिलहाल लोग चमत्कारों  पर ज्यादा यकीन करने लगे है ।

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