देहरादून 28 अप्रैल आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तराखण्ड की बैठक मे उत्तराखण्ड मे आर्य समाज की ताकत को संगठित करने का निर्णय लिया गया । बैठक को संम्बोधित करते हुवे पूर्व मन्त्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा कि आर्य समाज एक बड़ी ताकत है किन्तु संगठन का अभाव है । उन्होंंने कहा कि भलेहि आर्य समाज गुटों मे बटा हो फिर भी आर्य समाज की संगठित ताकत दिखाई देनी चाहिये उन्होने कहा कि संगठन के बिना शक्ति मिलना असम्भव है। प्रतिनिधि सभा की बैठक का संन्चालन सभा मन्त्री शत्रुघन मोर्य ने किया तथा अध्यक्षता मानपाल सिह राठी ने किया । सभा को आर्य समाज के पूर्व मन्त्री दयाकृष्ण काण्ड़पाल ने कहा कि सभा को आर्य समाज के दस नियमों पर काम करने की जरूरत है ।जिसमे महिलाओं व बच्चों की बड़ी भूमिका है । उन्होंने कहा कि आर्य समाज एक सर्वहितकारी संगठन है ।केवल हवन तक सिमित रहने से कार्यक्रम के लक्ष्य प्राप्त नही होते हवन सहायक मात्र है । पूर्व प्रधान गोविन्द भण्ड़ारी ने कहा कि सामाजिक आन्दोलनों के बिना आर्य संमाज सिथिल होता जा रहा है । उन्होंने सुझाव दिया कि आर्य समाज को नशे के खिलाफ प्रदेश ब्याुी अभिृान चलाना चाहिये । शत्रुघन मौर्य ने आर्य प्रतिनिधि सभा की पिछली कार्यवाही को प्रस्तुत करते हुवे कहा कि रिषिपर्णा पुल को महर्षि दयानन्द सेतु कर दिया हया है पर अवशेष कार्य पूर्ण नही हुवे है । जिसे पूर्ण कराये जाने हेतु कदम उठाये जाय , छाया प्रधान विश्वमित्र शास्त्री ने यतीश्वरानन्द का सम्मान किया ।