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तीन कृर्षि कानूनों पर लम्बी सफल लड़ई लड़ने के बाद भारकीय किसान युनियन को मोदी सरकार का अक और फैसला डरा रहा है ।किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता
राकेश टिकैत ने अब केंद्र सरकार की आस्ट्रेलिया के साथ व्यापार नीति का विरोध करना शुरू कर दिया है। दरअसल सरकार ऑस्ट्रेलिया के साथ एक अभूतपूर्व मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रही हैजिससे भारतीय डेयरी क्षेत्र को ऑस्ट्रेलियाई डेयरी आयात के लिए खोल देगा। उनका कहना है कि अगर इसे लागू किया जाता है तो इसका असर भारतीय किसानों और डेयरी कर्मचारियों के जीवन पर पड़ेगा। इस वजह से बीकेयू(भारतीय किसान यूनियन) इस सौदे का पुरजोर विरोध करता है। इसके पीछे उन्होंने अपने तर्क भी दिए हैं। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर से उन्होंने इसका विरोध किया है सूत्रो के अनुसार भारत और ऑस्ट्रेलिया काफी समय से लंबित मुक्त व्यापार समझौते को 2022 के अंत तक अंतिम रूप देने पर सहमत हुए हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) करार दिया गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पहले ही बताया है कि हम साल के अंत तक या नये साल की शुरुआत तक एक बहुत अच्छा अंतरिम समझौता कर सकते हैं, जोकि छोटा नहीं बल्कि व्यापक है। कहा जा रहा है कि अब तक भारत ने दुग्ध और कृषि को इस व्यापार से मुक्त रखा था मगर अब इसे भी इसमें शामिल किया जा रहा है मगर इसके बारे में राज्य सरकारों या किसानों को कुछ जानकारी नहीं है। राकेश टिकैत के ट्वाट के बाद यह मामला फिर गहरा सकता है

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