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देरहरादून सुप्रिम कोर्ट के बाहर धरने मे बैठे बर्खास्त कर्मचारियों ने बर्तमान विधानसभा अध्यक्ष रितु खण्डूरी पर आरोप लगाया है कि बिधानसभा भर्तियों में राज्य बनने के बाद जो भी भर्तियां हुई वह सभी अबैध है फिर केवल 250लोगों को ही क्यों बर्खास्त किया गया । आन्दोलिक कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले सात सालों से विधानसभा में सेवारत है अब उनका भविष्य चौपट कर दिया गया । यह समानता के अधिकार का उलंघन ही नही अनन्याय पूर्ण भी है । हांलाकि हाल मे ही उनका मामला सुप्रिम कोर्ट मे गया जहां से बर्खास्त कर्मियों को कोई राहत नही मिली । पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुन्जवाल ने भी इसे गलत बताया, कहा कि यदि कर्मचारी दोषी है तो नियुक्ति देने वाले भी दोषी है उन्हें भी सजा मिलनी चाहिये ।