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अल्मोड़ा मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय सांसद को रानीखेत शरदोतस्व को राजनीति के भेंट ना चढ़ने को लेखर आज सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने ज्ञापन दिया ।ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि समूचे उत्तराखंड में शरदोत्सव की शुरुवात ही कभी रानीखेत से हुई थी परन्तु वह विगत दो वर्षों में कोविड 19 महामारी के कारण स्थगित है । और इस वर्ष रानीखेत के प्रबुद्धजनों ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा से मुलाकात कर आग्रह करते हुए शरदोत्सव के लिए नरसिंह ग्राउंड रानीखेत की इजाजत भी ले ली जिससे यह उम्मीद जगी थी कि लंबे अर्से बाद शरदोत्सव की परंपरा पुनः शुरू होने से लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन को बल मिलेगा।पर्यटक नगरी रानीखेत में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी आयोजन महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने रानीखेत विधानसभा के जनप्रतिनिधि के दबाव में राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूर्ण करने के लिए रानीखेत के शरदोत्सव को रुकवाने का कार्य किया गया है । यह अत्यंत निराशाजनक है और रानीखेतवासी आपके इस कृत्य से अत्यंत मायूस हैं और खुद को ठगा महसूस कर रहे है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपनों को धूमिल कर रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि “भारत की सांस्कृतिक विरासत के पास सभी वैश्विक समस्याओं का हल है । देवभूमि उत्तराखण्ड में स्थित रानीखेत में सांस्कृतिक उत्सवों की समृद्ध परंपरा रही है। इसके इतिहास पर दृष्छि डालते हुवे ज्ञापन मे कहा गया है कि ,अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविख्यात रानीखेत में शरदोत्सव का अब तक कई मुख्य विभूतियों ने इसका उद्घाटन किया है जिनमें देश के प्रथम राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद जी,देश के चौथे राष्ट्रपति वी वी गिरी जी,भारत के चौथे गृहमंत्री और उत्तराखंड की आंख पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी,देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी सहित अनेकों राज्यपाल,मुख्यमंत्री,और समाजसेवियों के नाम सम्मिलित हैं। लेकिन रानीखेत से चुने गए आपकी सरकार के नुमाइंदे के दबाव में आकर आपने अब इस शरदोत्सव को बंद करवाकर अपनी राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग रानीखेत की संस्कृति पर आघात पहुंचाने के मंसूबे से किया है जो अत्यंत खेद का विषय है। रानीखेत मे शरदोत्सव की मांग करते हुवे कहा गया है कि इसे स्थगित ना किया जाय ।ज्ञापन देने वालों में टैक्सी यूनियन से विजय रावत जी,राजेश जीना जी टैक्सी यूनियन सचिव, करन बोहरा,कपिल सिंह कड़ाकोटी,हिमांशु कड़ाकोटी, हिमांशु,भूपेश,आदि लोग उपस्थित रहे।