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श्रीनगर गढवाल , राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड मे भ्रष्टाचार के आरोप मे एन आई टी के तीन अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस जारी किये गये है मामला नौ साल पुराना है नौ साल पहले खरीद फरोख्त के मामलो में शिकायत पर ये तीनो लोग जांच के दायरे मे है उन्हें अपना पक्ष रखने के लिये नोटिस दिये गये है मामला 2013 का है इन अधिकारियों कर्मचारियों ने एनआईटी के लिए उपकरण खरीदे गए थे। खरीद में वित्तीय अनियमितता की शिकायत पूर्व सहायक कुलसचिव डॉक्टर भोला शंकर ने की थी उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन सहित जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को दस्तावेज भेजे थे।इन तीनो पर आरोप था कि इन्होंने 13 सितंबर 2013 को नागपुर की एक फर्म से 3.86 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे थे। जबकि यह उपकरण देहरादून या दिल्ली में 50 लाख रुपये तक के मिल रहे थे। शिकायत करने के बाद डॉ. भोला शंकर को पदमुक्त कर दिया गया था । इस मामले में सीबीआई जांच कर रही थी सूत्र बताते है कि इस प्रकरण में सीबीआई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट दी है। मंत्रालय ने एनआईटी को रिपोर्ट भेजते हुए अपने स्तर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।जांच के दायरे में संस्थान के तीन कर्मचारी आ रहे एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने अधिकारियों-कर्मचारियों को चार्जशीट देने की पुष्टि की है. उन्होंंने बताया कि अभी वह बाहर हैं। संस्थान में लौटने पर अधिक जानकारी दे सकते है एनआईटीशिक्षा मंत्रालय द्वारा संसद के अधिनियम के तहत 2009 में स्थापित,श्रीनगर गढ़वाल में स्थित है। यह सार्वजनिक तकनीकी विश्वविद्यालय है और दस नए स्थापित NIT में से एक है मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क मे (एनआईआरएफ) 2021 में संस्थान को इंजीनियरिंग श्रेणी में 186वां स्थान दिया गया था। इॊ एन आई मे 9 विभाग यह इंजीनियरिंग के विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) कार्यक्रमों में पूर्णकालिक प्रवेश प्रदान करता है। अपने स्थापना काल से इसने अपनी रैंकिंग मे काफी सुधार किया है ।