बेहद मृदु भाषी राईटिंग इतनी सुन्दर कि देखने वाला देखते ही रह जाय , कुमाँऊ विश्वविद्यालय अल्मोड़ा परिसर मे सामान्य सीट से छात्र संघ की उपाध्यक्षा रही हंसी प्रहरी , विश्वविद्यालय की नौकरी से लेकर भिखारिन बन गई ,उसकी जिन्दगी उसे इस मोड़ पर ले गई कि उसे भीख मांगनी पड़ी ।अन्तत: शुक्रवार को चिकित्सालय हरिद्वार में अल्मोड़ा की छात्र नेता रही हंसी प्रहरी ने अपने आठ साल के पुत्र के सामने दम तोड़ दिया , बताया जा रहा है कि हंसी प्रहरी बिमार थी उसे , समाजसेवी भोला दत्त शर्मा ने जिला चिकित्सालय मे भर्ती कराया उन्होंने उसके भाई को फौन पर इसकी सूचना भी दी पर अपनी बहिन की मदद के लिये कोई नही गया । यो तो दलित राजनीति इन दिनों चरम पर है , पर हंसी प्रहरी भी एक दलित परिवार से थी उसकी मदद के लिये कोई सामने नही आया । दो वर्ष पूर्व जब वह रोडवेज की बस मे भीख मांग रही थी तो किसी ने उसे पहचान लिया था हंसी मीड़िया की सुर्खियों में आ गई ।तब कई लोंगों ने हंसी प्रहरी को आस्वासन दिया कि वह उसकी मदद करेंगे पर उसने मदद लेने से इंकार कर दिया था हरिद्वार का रोजबेज का बस अड़्डा ही उसका स्थाई आशियाना था , रोजबेज बस अड्ड़ा उसे सबसे महफूज जगह लगती थी , भिखारी होकर भी वह अपने बच्चे की पढाई के प्रति सजग थी , ।
हंसी सोमेश्वर के रणखिला गांव की रहने वाली थी उसने दो बिषयों राजनीति शास्त्र व अंग्रेजी बिषय से एम ए किया था इसके बाद विश्वविद्यालय के लाईब्रेरी मे काम किया , उसका विवाह भी हो गया 2011मे पति से अनबन हो जाने पर वह अल्मोड़ा छोड़कर हरिद्वार चली गई , वहां भीख मांग कर गुजर बसर करने लगी हंसी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती थी वह मीड़ियाकर्मियों की नजर मे आई तो उन्होंने हंसी को टटोला , पता चला कि वह असाधारण व होनहार थी । उसने 2008 में सोंमेश्वर से प्रदीप टम्टा के खिलाफ बिधानसभा का चुनाव भी लड़ा था ।वह बी जे पी के अजय टम्टा से अधिक मत लाई थी । पर समय के पहिये को देखिये अन्त समय मे हंशी प्रहरी को चार कन्धे भी नसीब नही हुवें । भोला दत्त शर्मा ने ही हंसी की अन्त्येष्ठि हरिद्वार मे कराई ।