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अल्मोड़ा 8जुलाई नगर पालिका के परिसिमन के बिरोध मे एक बार फिर से ग्रामीणों ने चौघानपाटा मे प्रदर्शन कर सीमा बिस्तार का विरोध किया ग्रामीण ने आरोप लगाया कि जनता को विश्वास में लिए बगैर सरकार नगर के आस पास के 25 गांवों को नगरपालिका में सम्मिलित करने का तुगलगी फरमान जारी किया है। सरकार व पालिका ग्रामवासियों पर अनावश्यक बोझ डालने की मंशा से ग्राम सभाओं को जबरन पालिका में शामिल करने का प्रयास कर रही है।

आन्दोलित ग्रामीणों ने कहा कि नगरपालिका परिषद द्वारा जिन 25 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, वहां आज भी अधिकांश लोग खेतीबाड़ी, मेहनत मजदूरी, पशुपालन कर अपना गुजारा करते है। ग्रामीणों के पास आय के कोई स्रोत नहीं है। आर्थिक स्थिति सही नहीं होने पर ग्रामीण कैसे पालिका के अलग-अलग टैक्स का भुगतान करेंगे, यह सोचनीय विषय है। लेकिन सरकार व पालिका एकतरफा फैसला कर ग्रामीणों को अनावश्यक परेशान कर रही है।

इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने ग्रामीणों की मांगें अनसुनी की तो वह चक्काजाम, विकास भवन में तालाबंदी समेत हवालबाग विकासखड में तालाबंदी करने को मजबूर होंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार, जिला प्रशासन व नगरपालिका परिषद की होगी। पालिका प्रशासन की होगी।इस दौरान ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी, ग्राम प्रधान मुकेश कुमार, किशन सिंह बिष्ट, राधा देवी, ममता रावत, देवेंद्र सिंह बिष्ट, राजेंद्र सिंह, हंसा मर्तोलिया, प्रशांत पवार, पिंकी बिष्ट, हरेंद्र शैली, मनोज जोशी, जसवंत बिष्ट, देव सिंह भोजक, नवीन बिष्ट, देव राम, ललित सतवाल, अर्जुन सिंह, विनोद कनवाल, मनीष कनवाल, सुंदर सिंह बिष्ट, गोपाल तिवारी, नंद किशोर, विमल कुमार, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख हवालबाग आनंद कनवाल, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष ग्राम प्रधान संगठन हरीश कनवाल, हरीश रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य सूरज लटवाल, नंदन आर्या, जि पं स गोलना करड़िया जीवन भंडारी, गोविंद राम, मंजू रावत, दीपा बजेठा, प्रेमा बजेठा, गंगा देवी, दुर्गा रावत, भूपेंद्र रावत, कुंदन रावत, सोनू रावत, कमल रावत, संजय रावत समेत कई ग्रामीण मौजूद थे।

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