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देहरादून बहुत ही शातिराना अंदाज में जिस तरह से पहाड़ों मे मजारे बनाई जा रही है वह एक गंम्भीर मसला है , मजारे इस्लामिक प्रचार प्रसार का एक माध्यम है ।मुख्यमंत्री धामी ने पिछले एक महीने से सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बनाई गई मजारों को हटाने का अल्टीमेटम दिया है इसके बाद वन विभाग अब अवैध मजारों को ध्वस्त कर उनका मलबा हटाने का काम शुरू कर चुका है आश्चर्य की बात यह है कि किसी भी मजार के नीचे मानव अवशेष नही मिले है ।जानकारी के मुताबिक अभी तक 230 अवैध मजारें जड़ से साफ कर दी गई हैं.।

वन विभाग ने अब तक गढ़वाल में कालसी वन प्रभाग में पांच हरिद्वार के श्यामपुर फॉरेस्ट रेंज में भी पांच , व रुद्रप्रयाग फॉरेस्ट डिवीजन में एक कुल 11 मजारे ध्वस्त कर दी है।

तराई और रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन में चार मजारें अतिक्रमण कर बनाई गई थीं, उनमें टीन शेड बनाकर झाड़-फूंक का धंधा चल रहा था. फॉरेस्ट कर्मियों ने वहां मौजूद खादिम लोगों को दो दिन पूर्व उन्हें अपना सामान हटाने के लिए कहा था. खादिम अपने सामान को लेकर चलते बने, जिसके बाद फॉरेस्ट की स्पेशल टास्क फोर्स ने इन अवैध मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया.सीएम धामी ने इस मामले पर कहा कि, मजार जिहाद के खिलाफ हमारा अभियान जारी है ।सी एम धामी का कहना है कि देवभूमि का सनातन स्वरूप बनाए रखने की जिम्मेदारी सबसे पहले हमारी है. हम तुष्टिकरण नहीं कर रहे हैं, सरकारी जमीनों से अवैध निर्माण हटा रहे है।

धामी सरकार द्वारा वनों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए तैनात किए गए नोडल आईएफएस अधिकारी डॉ पराग मधुकर धकाते ने बताया कि सीएम धामी के निदेशरें के तहत अब तक 230 अवैध मजारें हटा दी गई हैं और चालीस हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि से अतिक्रमण भी हटा दिया गया है. अभियान अभी जारी रहेगा सवाल यह है कि प्रशासन के नाक के नीचे इकनी मजारे कैसे बन रही है ष

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