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देगरादून उत्तराखंड में 2015में हुई पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा के मामले में 20 संदिग्ध दारोगारों क विभाग ने निलम्बित कर दिया है। जांच पूरी होने के बाज ही अग्रिम कीर्यवाही होगी

ये वे बीस दरोगा है जिनको निलम्बित करने के आदेश पुलिस मुख्यालय ने दिये है ।
जिसमे उधम् सिंह नगर मे तैनात दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह ,लोकेश, हरीश महर ,संतोषी, तथा नैनीताल मे तैनात तैनात नीरज चौहान आरती पोखरियाल प्रेमा कोरगा भावना बिष्ट नैनीताल में थे
इसी के साथ देहरादून सेओमवीर प्रवेश रावत राज नारायण व्यास जैनेंद्र राणा, निखिल बिष्ट व
पुष्पेंद्र पौड़ी गगन मैठानी, चमोली ,तेज कुमार चंपावत , मोहित सिंह रौथान एसडीआरएफ

मामले में विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में 20 इंस्पेक्टर के धोखाधड़ी और नकल नेटवर्क के साथ मिलकर यह परीक्षा उत्तीर्ण करने की बात सामने आयी है। रिपोर्ट सामने आने के बाद इन इंस्पेक्टरों के संबंधित जिलों के पुलिस कप्तानों को इन सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश भेजे गये हैं।
मामले की जांच विजलेंस कर रही है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि साल 2015 में पंत नगर यूनिवर्सिटी ने दारोगा भर्ती परीक्षा करवाई थी। 2015 के सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले में शिकायत मिलने के बाद विजलेंस को जांच सौंपी गयी थी।

गौरतलब है कि दारोगा भर्ती घोटाला साल 2015-16 के समय का है। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट ने 12 आरोपियों के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज किया है। जबकि विजिलेंस की रडार पर 40 से 75 पुलिस कर्मी हैं जो परीक्षा में धांधली कर 2015-16 में दारोगा बने थे।
फिलहार 20 संदिग्ध दारोगा को आज सस्पेंड कर दिया गया है। विजिलेंस की कुमाऊं और गढ़वाल यूनिट इस केस की कई एंगलों से जांच कर रही है। टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।

दारोगा भर्ती मामले में नियुक्ति पाने वाले कई दारोगा के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। ऐसे में विजिलेंस अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में तैनात आरोपित दारोगाओं के बारे में कई तरह की जानकारी भी विजिलेंस जुटा रही है।

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