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अल्मोड़ा मख्यमंत्री के अल्मोड़ा आगमन पर धर्मनिरपेक्ष युवा मंच की वार्ता के बाद मुख्यमंत्री द्वारा मंच को आशान्वित किया गया है कि अल्मोड़ा को हैरिटेज सिटी के मानकों में विकसित करने व आस-पास के गावों के लिए विशेष पैकेज देने पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा।
कुमाऊँ की संस्कृति के केंद्र अल्मोड़ा को हैरिटेज सिटी घोषित किये जाने,अल्मोड़ा को मंदिरों के शहर बनाने व आसपास के गाँवो के जैविक उत्पाद,संस्कृति, क्राफ्ट,वास्तु के लिए विशेष पैकेज देने के बावत मुख्यमंत्री से मंच सयोंजक विनय किरौला के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल मिला। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को हैरिटेज सिटी व मंदिरों के शहर के रूप में विकसित करने की माँग धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के द्वारा लंबे समय से की जा रही है,इस संदर्भ में पूर्व में प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी को पत्र के माध्यम से माँग की गई है,जिसका प्रतिउत्तर में भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय ने अल्मोड़ा व आसपास के ऐतिहासिक मंदिरों का विवरण माँगा था,जिसे हमारे द्वारा मंत्रालय को भेज दिया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमन्त्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया जिसमें मांग की गई है कि 1- अल्मोड़ा को हैरिटेज सिटी या उसके मानकों के अनुसार कुमाऊँ की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकासित किया जाए।
2- अल्मोड़ा व उसके आसपास के 30 से ऊपर गाँवो के विकास के मॉडल के लिए विशेष पैकेज की नितांत आवश्कता है,
जिसमे उत्तर में कोसी,दक्षिण में वानरी देवी,उत्तर-पूर्व में कबड़खान,पश्चिम में कवरब तक का इलाका आता है।
भारत सरकार की हैरिटेज सिटी बनाने के मानक के अनुसार भारत मे वो नगर जो राजाओं की राजधानी शहर रहे है,स्वाभाविक रूप से हैरिटेज सिटी बनने की योग्यता रखते है,क्योंकि जो शहर राजधानी शहर रहे है,वहाँ उस काल के राजाओं की वास्तु-कला से लेकर सांस्कृति,क्राफ्ट,खान-पान देखने को मिलता हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआर की तर्ज पर संस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और अल्मोड़ा से लगे गाँवो का विकास मॉडल बनाने की माँग हमारे द्वारा पिछले लंबे समय से की जा रही है,जिसके तहत अल्मोड़ा नगर के चारों तरफ के गांवों में लोकल क्राफ्ट,पहाड़ी जैविक खेती,संस्कृति,वास्तुकला को विकसित करने के लिए विशेष पैकेज दिया जाए।
3-पूरी दुनिया के वो टूरिस्ट जो हैरिटेज देखने दुनिया भर में घूमते है,हैरिटेज सिटी बनने पर अल्मोड़ा में आएंगे, जिससे अल्मोड़ा के व्यापार में कई गुना वृद्धि होगी साथ ही नगर के चारो तरफ के गांवों में पहाड़ी जैविक उत्पादों,क्राफ्ट जैसे तांबा,रिगाल आदि जैसे savourniour उत्पादों को बड़ा बाजार मिलेगा,साथ ही कत्यूर व चंद राजाओं के समय बने मंदिर,पाथरों से बने मकान टूरिस्ट व अल्मोड़ा की परंपरा में लोकल संस्कृति है जो टूरिस्ट के आकर्षण का केंद्र होंगें

मन्च के संयोजक विनय किरौला ने बताया कि मुख्यमन्त्री ने उनके मांगपत्र पर सकारात्मक रूख अपनाया है ।

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