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अल्मोड़ा  बीएड प्रशिक्षित परीक्षार्थियों द्वारा  आज चौघानपाटा अल्मोड़ा मे  इस संवर्ग की मियुक्तियों के लिये बू एड की अनिवार्यता के खिलाफ प्रदर्शन किया , कला संवर्ग के लिये उच्च न्यायालय मे सरकार द्वारा कमजेर पैरवी पर बेरोजगारों ने नाराजगी ब्यक्त की ,  कला संवर्ग के लिये बी एड  परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाते हुए  धरने के माध्यम से छात्र छात्राओ ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया ।

इस सम्बन्ध मे अब माननीय उच्च न्यायालय में भी छात्रों की तरफ से  वाद दायर किया कर दिया गया   छात्र छात्राएं ने इस सम्बन्ध मे सरकार रो भी ज्ञापन प्रेषित किया ।ज्ञापन के माध्यम से  छात्रो से कहा कि नवंबर 2020 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सहायक अध्यापक के पदों हेतु विज्ञापन जारी किया था जिसमें एलटी कला वर्ग के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।जिसमें शैक्षिक योग्यता इस भर्ती से पूर्व जारी विज्ञप्ति के अनुसार ना होकर कला अध्यापक हेतु बीएड प्रशिक्षण योग्यता रखी गई थी।परंतु कला वर्ग के छात्रों द्वारा किए गए आंदोलन को देखते हुए एवं छात्र हित को देखते हुए सरकार द्वारा उक्त विज्ञापन में संशोधन कर बी एड प्रशिक्षण योग्यता को हटाकर संशोधित विज्ञप्ति जारी कर 25 फरवरी 2021 को पुनः कला वर्ग के अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे।सभी कला वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा मेहनत कर परीक्षा में अगस्त 2021 में प्रतिभाग किया गया था। लेकिन कुछ बी एड प्रशिक्षित परीक्षार्थियों द्वारा उक्त परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाते हुए माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर किया कर दिया गया।जबकि माह फरवरी में विज्ञापन संशोधित विज्ञप्ति जारी की गई एवं अगस्त 2021 में परीक्षा संपादित कराई गई।परीक्षा देने के उपरांत इतना अधिक समय व्यतीत होने के उपरांत कुछ परीक्षार्थियों के स्वयं के स्वार्थ निहित होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को अनावश्यक रूप से लटकाए रखा।तत्पश्चात माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त परीक्षा परिणाम को घोषित करने का फैसला सुनाया तथा बाद दायर करने वाले हेतु 15 पद आरक्षित करने का निर्देश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को दिया। इसके उपरांत उक्त परीक्षार्थियों द्वारा उक्त फैसले को माननीय उच्च न्यायालय के डबल बैंच में चुनौती दी गई तथा दिनांक 15 मई को न्यायालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करते हुए नए सिरे से एन सी टी ई के मानकानुसार परीक्षा कराने हेतु निर्देशित करने का फैसला सुनाया। धरने मे काग्रेस उपाध्यक्ष  बिट्टू कर्नाटक ने छात्रो को आस्वासन दिया कि वह उच्च न्यायालय मे छात्रों की  पैरवी करायेंगे

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