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देश व दुनिया मे इश्लामिक जगत ने अपने संमुदाय के लोगों को किसी उत्पाद को खरीदने व बेचने के लिये दशको से एक गैरकानूनी ब्यवस्था बनाई थी , यह गैरकानूनी ब्यवस्था , भारत जैसे कथित पन्थ निर्पेक्ष देश मे भी धडल्ले से चल रही थी , तथा देश के पन्थ निर्पेक्ष ढाचें की धज्जिया उड़ाते हुवे हजारो करोड रूपये धार्मिक प्रचार के लिये संग्रह किये जा रहे थे , इस सर्टिफिकेट का नाम है हलाला सर्टिफिकेट , देश मे कई कम्पनिया यह सर्टिफिकेट लेने के लिये करोड़ो रुपये , जमायते इस्लामी हिन्द , हलाला कम्पनियों को दे रही थी ,ये संगठन हलाला का पैसा इस्लामिक गतिविधियों को संचालित कराने मे लगाते रहे , योगी सरकार ने जब इसकी जाच की तो पाया कि इसका कोई हिसाब किताब इनके पास नही है , ।दरअसल , इस्लामिक संगठनों पर जेहाद , कट्टरवाद ,लभ जेहाद ,मजार जेहाद , के आरोप लगते रहे है पर इसके लिये पैसा जुटाने वाले हलाला जेहाद पर किसी की नजर ही नही थी , । यह हलाला सर्टिफिकेट मा केवल इस्लामिक कारोबारी अपितु हिन्दु कारोबारी भी ले रहे थे ,। लोचने की बात यह है यदि मुसलमानो की तरह हिन्दु ईसाई जैन बौद्ध भी सामान बेचने के लिये अपमे अपने धर्मों का सर्टिफिकेट देने लगे तो उद्योग जगत देश मे कैसे काम करेगा । अब योगी सरकार द्वारा हलाला सर्टिफाईट सामान बेचने पर रोक लगाये जाने से मुस्लिम संगठनों मे हडकम्प मचा है , वही उद्योग जगत ने भी राहत की सांस ली है ।