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इन दिनो ं क्या बच्चे क्या वयस्क सब तनाव से ग्रसित है । बच्चों को महज दस वर्ष मे ही सुगर व ह्दय गति रुक जाने से मृत्यु होना आम बात हो गई है , इस आकस्मिक मृत्यु की बढ रही घचनाओं पर चिकित्सकों के पैनल ने डायविटीज व हार्ड अटैक के दस प्रमुख कारण बताये जिसमे पहला कारण बच्चे को सुबह कच्ची नींद में उठाना , जिससे बच्चे की नीद पूरी नही हो पाती है , यह मानसिक तनाव का कारण बनता है ,जिससे बच्चों के स्वास्थ पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है दूसरा बड़ा कारण बच्चों को बगैर नाश्ता करवाये स्कूल भेजना है। चिकित्सको का कहना है कि बच्चे के लिये पोषण जरूरी है । तीसरा बड़ा कारण अपने वजन से ज्यादा बच्चे के बैग का वजन होना भी इसका बड़ा कारण है चौथा बड़ा कारण स्कूल का होमवर्क कम्प्लीट न होने पर टीचर का प्रेशर है , बच्चें स्कूल पहुचते ही होम वर्क पूरा ना होने पर डाठ पड़ने से आशंकित हो जाते है । पाचवा बडा कारण ठंडा लंच न खा पाना भी है बच्चे स्कूल लन्च ले जाते है पर वह खाते नही है , जिससे उन्हे पर्याप्त पोषण नही मिलता , छठा बड़ा कारण -स्कूल से आते ही नहाना जबरन भोजन करवाना भी तनाव का कारण बन जाता है , बच्चों को घर पहुचने पर आराम का समय ही नही मिलता ,बगैर आराम किये घर में होमबर्क कम्प्लीट करने का प्रेसर इत्यादि आदते बच्चों को बिमार तनाव ग्रस्थ न नशेड़ी बनने का एक बड़ा कारण है ।
इव दिनों अभिभावकों के सपने है कि उनका क्या 4-6 वर्ष का बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर, एस पी , कलेक्टर आदि बन जाय.मनरंजन के नाम पर मोबाईस ही बच्चों का साथी बन गया है इव दिनों
, माता पिता मे केवल एक दूसरे की होड़ में बच्चों के बचपन को मारने की परम्परा चल पड़ी है ।