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उत्तराखण्ड़ मे पर्वतीय क्षेत्रों मे हिमांचल की तर्ज पर उद्यानिकी से लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता हैं, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश करगेती ने उत्तराखंड में उद्यान विभाग पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं , जिस पर जांच की जा रही है । यह मामला अब माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत किया गया है ।सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है ।जिसकी प्रथम सुनवाई हो चुकी है। इस मामले में उद्यान निदेशालय को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने याचिका में कहा है कि उत्तराखंड के बागवानी के हित में सरकारी नीतियां लागू नहीं कर रही है फर्जी नरसरियां व भूगतान गंम्भीर मामला है, इस विभाग में निदेशक भ्रष्टाचार के कार्यों में लिप्त हो सकते हैं । उद्याननिदेशक को सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध मे याचिकाकर्ता दीपक करगेति को निर्देश दिया है कि वह उन आरोपों के संदर्भ में काउंटर फाइल करें दीपक करगेती का कहना है उन्हें न्यायालय पर पूर्ण भरोसा है उत्तराखंड में उद्यान यहां की जरूरत है उद्यान मन्त्री गणेश जोशी को पहाड़ो के हित में कदम उठाना चाहिये ।