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अल्मोड़ा, 17 दिसंबर – मुख्य कृषि अधिकारी डी0 कुमार ने बताया कि कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जिला योजना अन्तर्गत 80 प्रतिशत अनुदान पर स्याही हलों का वितरण किया गया, ताकि स्याही हल का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जा सके। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अब तक लगभग 4300 स्याही हलों का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस हल का मूल्य 1715 रुपए है। लाभार्थी को 343 रुपए लगाने होते हैं तथा 1372 रुपए अनुदानित हैं। लौह निर्मित हल स्याही देवी विकास समिति एवं विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के सहयोग से वी0एल0 स्याही लौह हल नाम से विकसित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों की कृषि उपकरणों/हल हेतु स्थानीय जंगलों पर निर्भरता को कम करना है तथा वनों का आच्छादन बढ़ाकर जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना है। लौह निर्मित वी0एल0 स्याही हल के माध्यम से कृषकों की कार्य क्षमता एवं आर्थिकी सम्बर्द्वन को बढ़ावा देना है। वी0एल0 स्याही हल की निरन्तर बढ़ रही मॉग को देखते हुए जनपद अन्तर्गत स्थानीय स्तर पर ही हलों का निर्माण स्याही देवी विकास समिति शीतलाखेत के माध्यम से कराया जा रहा है। जिससे कृषकों को सरलतापूर्वक हल उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके रिपेयर पार्ट्स भी स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध कराना सम्भव हो पाया है।
उन्होंने बताया कि वी0एल0 स्याही हल के उपयोग के कारण जहॉ एक ओर कृषकों की कार्य क्षमता बढ़ी है वहीं समय की बचत भी हो रही है तथा जंगलों में बॉज, उतीस आदि चौड़ी पत्तियों वाले वृक्षों का कटान कम हुआ है। पहले कृषक इन पेड़ों की लकड़ी से ही पारम्परिक हल बनाते थे। इन वृक्षों के कटान कम होने से भूमिगत जल संरक्षण भी हो पाया है। हल के कम वनज के कारण कृषकों को इसे लाने ले जाने आदि में अत्याधिक सुविधा होती है वहीं जानवरों को भी इस हल के प्रयोग में कठिनाई नहीं आती है।

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