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देहरादून यदि आप मुफ्त यनि जमीन का पानी बोरिंग करके पी रहे है तो अब वह मुफ्त नही मिलेगा सूत्रों की माने तो अब सरकार मुफ्त का पानी पीने वालों पर टैक्स लगाने जा रही है ,टैक्स ना देने वालों पर अब सख्ती भी की जा सकती है। अब लोगों को पानी का बिल चुकाना होंगा। सूत्रों का कहना है कि बिल ना देने वालों पर सरकार ने ऐक्शन प्लान भी बनाया है। बोरिंग के लिये उत्तराखंड मंजूरी लेनी होगी।शासन ने जल संस्थान को निजी बोरिंग कर भूजल का इस्तेमाल करने वालों के लिए भी पानी की दरें तय करने के निर्देश दिए हैं। सीघ्र ही जल संस्थान दरें जारी कर देगा , ।

अब तक राज्य में भूजल के दोहन को लेकर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अब तक घरों से लेकर होटल, स्कूल, कालेज अस्पताल, रिजॉर्ट, उद्योगों, स्टेडियम में बिना किसी मंजूरी के ही लोगों ने निजी बोरिंग कर ट्यूबवेल लगा दिए जाते हैं। इन निजी ट्यूबवेलों से कितने पानी का इस्तेमाल हो रहा है इसका भी कोई आंकड़ा सरकार के पास नही है ।
राजधानी देहरादून में ही एक एक ग्रुप हाउसिंग में ही बिल्डरों ने कई ट्यूबवेल लगा दिए हैं। कई स्थानों पर तो ग्रुप हाउसिंग इतने संवेदनशील क्षेत्रों में हैं, जहां भूजल का स्तर बहुत ही खराब स्तर पर है। ऐसे स्थानों मे जल निगम और जल संस्थान जैसी सरकारी एजेंसिया सरकारी बोरिंग कर ट्यूबवेल नहीं बनाती हैं। ऐसे क्षेत्रों में भी बिल्डर ट्यूबवेल लगा कर भूजल का अंधाधुंध दोहन कर रहे हैं।देहरादून में दिलाराम चौक से राजपुर, सहस्त्रधारा रोड, आईटी पार्क क्षेत्र भूजल के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। जल संस्थान को भूजल के हो रहे दोहन को लेकर एक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं। भूजल के दोहन पर इस्तेमाल किए जाने वाले पानी का शुल्क वसूला जाएगा। जल संस्थान को इन निजी बोरिंग के लिए पानी का शुल्क तय किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार द्वारा जब भू -जल मे टैक्स वसूलने की योजना है तो यह उन लोंगों के लिये भी झटका है जो घर -घर नल , घर -घर जल योजना मे मुफ्त मे पानी पीने की सोच रहे है लोगों को भलेही मुफ्त मे कनेक्शन दिये जा रहे हो पर पानी के बिलों का भुगतान करने के लिये तैयार भी होना चाहिये

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