सीमा हैदर बनी मीड़िया की सुखियां ,क्या है देश पर नया संकट ?

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अपने चार बच्चों के पिता को छेड़कर सीमा हैदर भारत की सीमा के भीतर क्या घुसी ?, भारतीय मीडिया को कुछ दिन जनता को बहलाने का मौका मिल गया , सीमा हैदर की प्रसिद्धि देखकर भारतीय फिल्म जगत के हीरो हिरोईनें भी अब सोच मे पड़ गई है ।
दरअसल पाकिस्तानी महिला अपने भारतीय पबजी खेल प्रतिभागी सचिन के साथ पिछले तीन सालों से पबजी खेल रही थी उसे पबजी मे खेलते -खेलते सचिन से प्रेम हे गया , इसी प्रेम के तलते सीमा हैदर पाकिस्तान से दुबई से नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा मे दाखिल हो गई उसे नेपील लेने मे उसका बाय फैन्ड सचिन भी गया था ।
अपने चार बच्चों के साथ किसी हिन्दु युवक के साथ घर बसाने के इरादे से भारत आई मुस्लिम महिला सीमा हैदर ने कई सवालों को जन्म दिया है।
पहला सवाल यह है कि क्या हमारी सीमायें सुरक्षित है ,। इस घटना से लगता है कि अब नेपाल भारत मे अबैधानिक घुसपैठ का केन्द्र बन रहा है, यदि भारत व नेपाल को अपनी खुली सीमाओं का आनन्द लेना है और सीमा पर भाईचारा मजबूत सम्बन्ध कायम रखने है , तो आपस एक मजबूत सहयोग करना होगा , अबैध घुसपैठ , रोकने के लिये नेपाल आने वाले पर्यटकों पर भी नजर रखनी होगी ,नेपाल को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई विदेशी नागरिक भारतीय सीमा में घुसपैठ ना करें भारतीय अधिकारियों को भी भारतीय सीमा में आ रहे नेपाली नागरिकों की नागरिकता प्रमाण पत्र चैक किये बिना किसी को भी भारतीय सीमा मे प्रवेश नही देना चाहिये , , इसके लिये स्केनिंग मशीनों सीमाओं पर लगाई जा सकता है ।
सीमा हैदर ने भलेहि अपने प्रेमी के साथ रहने के इरादे से भारत में प्रवेश किया हो , पर इस प्रवेश के बाद भारतीय सुरक्षा ऐजेन्सियों को नये सिरे से सोचने के लिये विवस कर दिया है , अब तो यह मामला इतना प्रचारित हो गया है कि अधिकांश पाकिस्तानी यह जान गये है कि भारत में नेपाल के रास्ते आसानी से प्रवेश किया जा सकता है ।.
सीमा हैदर अकेले नही आई वह अपने साथ अपने शौहर के चार बच्चों को लेकर भी आई है ,। जिसमे दो बच्चे उसके खुद के व दो बच्चें उसके सौतन के है , इस घटना ने सभ्यता व परिवारिक संस्था के कमजोर हो रहे मापदण्ड़ो पर भी सोचने के लिये बाध्य कर दिया , एकता कपूर की भारतीय टी बी सिरियलों मे परिवारों मे अबैध सम्बन्धों पर आधारित श्रंखलाबद्ध एपिसोड़ के प्रभाव क्या रहे यह शोध का विषय.है। पर यह जानना भी महत्वपूण है कि न्यायालयों मे परिवारिक झगड़े व तलाक के लिये अर्जियों की बाढ आ गई है ।इस सामाजिक परिवेश को देखकर ऐसा लग रहा है कि क्या हमारा समाज व इस समाज की धूरी महिलाये उस युग की ओर लौट रही है जब परिवारिक संस्था नितान्त अस्थाई थी , एक ऐसा दौर जब बच्चों को पता ही नही होता था कि उसका पिता कौन है ?
सीमा हैदर अपने चार बच्चें को लेकर भारत मे घुसी है ,क्या ये बच्चे पिता के प्रेम से बंचित नही होंगे , जबकि पिता के परम्परागत गुण जन्म से ही इन बच्चों में मौजूद होंगे , क्या वे सचिन जैसे बन पाइगे । , हालांकि परिवेश किसी को भी अपने मे ढाल लेता है , पर ऐसी घटनायें उस लोगो के लिये उकसावें का काम जरूर करती है , जिनके पांव दो राहों मे होते है, और गृहस्थी चौराहे पर ।

सीमा हैदर किसी का आदर्श नही है , पर उसका स्वभाव अवश्य ही दुस्साहसिक है , एक ऐसा दुस्साहस जिसे परिणाम की कोई चिन्ता नही ना ही उसके चेहरे मे कोई शिंकन है , । वह भारतीय नागरिकता मांग रही है । केवल खुद के लिये नही अपितु उसकेे चार बच्चे के लिये भी इस बात की कोई गारन्टी नही कि वह नागरिकता के बाद भी हिन्दु बनी रहेगी । एक बार नागरिकता मिल गई तो नजर रखना भी असम्भव है फिरहाल यह गृहमन्त्रालय व न्यायिक प्रणाली पर आधारित मामला है ।