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दिल्ली संसद का शीतकालीन सत्र बुद्वार 7दिसम्बर से आरम्भ हो रहा है सरकार ने इसके लिये तैयारियां पूपी कर ली है । इस शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार की कोशिश एक दर्जन से अधिक विधेयक पारित कराने और अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कराने पर रहेगी। जबकि बिपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, चीन से लगी सीमा पर स्थिति, केंद्र राज्य संबंध जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है।शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार 16 नए विधेयको को संलद पटल में पेश करने करने जा रही है , जिनमें बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं। इस सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है।इस सत्र के दौरान छावनी विधेयक, 2022 भी पेश किए जाने की संभावना है।इस विधेयक के उद्देश्यों में छावनियों में ‘जीवन की सुगमता’ को बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है।
शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक आदि भी शामिल हैं।
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आठ दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम भी सामने आएंगे।इन सत्र पर इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणामों का भी असर रहेगा सरकारी पक्ष की जीत सरकार का मनोबल बढायेगी तो वही हार सरकार की नीतियों पर केन्द्र सरकार को कटघरे मे खडा करेगी ।