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अल्मोड़ा स्वर्गीय बी डी पाण्डे स्मृति समारोह समिति के संवाद कार्यक्रम मे अध्यक्षता कर रहे विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सभी लोग यह मान रहे कि राज्य मे पलायन हो रहा है यह भी तय है कि पलायन रुकने वाला नही है उत्तराखण्ड़ राज्य आन्दोलन के समय शिक्षा व स्वास्थ मे पर्वतीय जनपद पीछे नही थे पर राज्य बनने के बाद ये इलाके पिछड़ रहे है । तल्ली नाली व मल्ली नाली शेराघाट में बढिया खेती है पर सिचाई गूल टूटी है । जनप्रतिनिघियों की बातें अधिकारी ठीक से नही समझ रहे है । ग्रामीण अर्थब्यवस्था सुधारना जरूरी है । सुवर व बन्दरों की समस्या का समाधान जरूरी है ।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व मुख्य सचिव इन्दु कुमार पाण्ड़े ने कहा कि देश में तकनीकि लगातार बदल रही है पहले जिसके कारण इन्डस्ट्री लगातार पीछे, जा रही है , पलायन निवारण के बजाय हमे पलायन प्रवन्धन पर सोचना चाहिये कीवी बहुत से लोगों ने लगाई भवाली में पच्चीस तीस रुपये किलो बेची कालान्तर मे कीवी बन्द हो गई

अजय टम्टा सांसद ने कहा , कि जनरल खण्डूरी के मुख्यमन्त्री काल मे उत्तराखण्ड़ सरकार ने तय किया कि 250 वर्ग मीटर से बड़ा भूखण्ड़ किसी बाहरी ब्यक्ति को नही बेची जायेगी , अब कम्पनियों के नाम पर जमीमों की खरीद फरोख्त हो रही है । नदिया सूख रही है पिण्डर को कोसी गरूड़ गंगा से जोडने पर नीति आयोग मे बात हो रही है । कुमाऊ व गढवाल रिजन को देखा जाय तो गढवाल ने तारधाम के कारण बहुत रोजगार मिला है किन्तु कुमाऊ में यह लंसाधन नही है कुमाऊ इन्फ्रासटैक्चर के मामले मे पीछे है । अच्छी पढाई के बाद रोजगार पहाड़ों मे संम्भव नही है ।वार्डर इलाके खाली हो गये है , ढाई सौ तक की आबादी वाले गावों मे सड़क जा चुकी है , जल जीवन मिशन से पानी गांव -गांव तक पहुंच गया है । फिर भी पलायन हो रहा है । पलायन रोजी रोटी के कारणों से हो रहा है हमारे पास मिनिरल सामग्री है । पर तकनीकि बदलनी होगी आई ए एस लौबी उत्तराखण्ड़ के लिये मित्रवत ब्यवहार नही कर रहे है केवल नौकरी करना ही उद्देश्य रह गया है । राजनैतिज्ञों की अपनी समस्याये है । आलवेदर रोड़ व पेल लाईनो विकास भी जरूरी है । हर कोई सुविधाजनक स्थानों पर जा रहा है , । आने वाले समय मे रोजगार का वेहतर साधन कृर्षी ही है । भांग को मेडिसन प्वान्ट के रूप मे उगाने की ब्यवस्था होनी चाहिये । पहाड़ मे सिल्पकार व महिलाओं की उत्थान की बातें है पर लोग भूमिहीन है ।

अन्त मे कार्यक्रम संयोदक प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि यदि इस कार्यक्रम मे अधिकारी व विभागाध्यक्ष भी शामिल होते तो कुछ सार्थक पहल होती ।

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