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नवरात्र के आगमन के साथ ही अल्मोड़ा में रामलीला की आगाज हो गया है ।नगर मे ही कम से कम एक दर्जन जगहों मे रामलीलाओं का मंचन हो ऱहा है तो दूसरी ओर छात्र युवा रावण परिवार के योद्धाओं का पुतला बनाने में ब्यस्त है आगांमी दशहरा को इन पुतलों की बारात निकाली जाईगी ।उस पर्व को अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव पर्व कहा जाता है

अल्मोडा नगर क्षेत्र मे नन्दा देवी की रामलीला सबसे पुरानी रामलीला है परन्तु हुक्का क्लब की रामलीला भी कंग मन्च की दृष्ठि से काफी चर्चित है ।इसके अलावा नगर में कर्नाटक खोला , राजपुरा , ढुंगाधारा , धारानोला एन टी डी , आदि स्थानों में भी रामलीला हो रही है व तीस से अधिक छोटे बडे पुतले बनाये जा रहे है युवा तन्मयता से लगे है ।

पहले दिन की रामलीला मे दिखाया गया कि रावण ने अपनी सरकार में वनों मे तपस्या कर रहे रिषि – मुनियो तपस्वियो व आम लोगो से टैक्स के रूप में धन वसूली के लिये उत्पात मचा रहा है यहाँ राक्षस भयंकर लूट -पाट मचाकर रावण का खजाना भरते है । रावण कहता है कि उसके राज्य व आसपास के इलाकों मे टैक्स के रूप मे यदि धन नही मिले तो मुनियों से उनका रक्त ही ले लिया जाय । कहा जाता है इसी रक्त के कारण रावण को श्राप मिला सीता उसकी मृत्यु का कारण बनी ।देवताओं की प्रार्थनाओं पर ब्रह्म राम के जन्म का ताना बाना बुनते है । प्रथन दिन राम व सीता के जन्म के कारणों को मंचित किया गया ।

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