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कौसानी , बागेश्वर मे आयोजित अनाशक्ति आश्रम में आयोदित दो दिवसीय कार्यक्रम का आज समापन हो गया इस अवसर पर आयोजित संवाद मे द्वीतीय दिन उत्तराखण्ड़ के कौने -कौने से आये 22लोगों ने अपनी बात रखी , इस सम्मेलन में राजनीति के अलावा बिभिन्न विषयों पर संवाद आयोजित हुवे , पर सबसे बडी बेचैनी उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में ब्याप्त समाजिक चेतना को आगे बढामे मे सिनिल सोसायटी को सक्रिय बनाने की दिशा मे देखी गई , इस सम्मेलन मे प्रदेश भर से आये , स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ ही , जनसंगठन के तौर पर उ लो वा के राजीव लोचन साह , दयाकृष्ण काण्डपास , महिला मन्च की संयोजिका कमला पन्त , उमा भट , गीता गैरोला स्वराज इण्ड़िया से जुड़े हुवे रवि चोपड़ा , के अलावा राजनीति क्षेत्र से जुडे. हुवे काग्रेस के पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा , उपपा अध्यक्ष पी सी तिवारी , इतिहासकार पद्म श्री शेखर पाठक , छायाकार श्रीस कपूर , , यू के डी नेता एड डी के जोशी , बन पंचायत सरपन्च संगठन के ईश्वरी दत्त जोशी जनमैत्री संगठन के बची सिह बिष्ट ,नागरिक मन्च के पंकज पाण्ड़े आदि ने बहल मे हस्तक्षेप किया ,

कार्यक्रम का संयोजन नीमा बहिन व संचालन भुवन पाठक मे किया , मुख्य वक्ता के रूप मे प्रो आनन्द कुमार ने लोकतन्त्र मे नागरिक कर्तब्य पर अपना बक्तब्य दिया , उम्होने कहा कि लोकतन्त्र चार खम्बों पर नही बल्कि सात खम्बों पर टिका है ,। जिसमे कार्यपालिका न्यायपालिका विधायिका व पत्रकारिता के अलावा शिक्षा , सिविल सोसायटी का राजनैतिक बिमर्श व राजनैतिक दल प्रमुख है । बिना इन तीन स्तम्भों के स्थापित चार स्तम्भ बेहतर काम नही करते ।

प्रो आनन्द कुमार ने कहा कि भारतीय लोकतन्त्र को आगे बढाने मे ज्वाहर लाल नेहरू का प्रमुख योगदान है , यही कारण रहा कि भारत मे पाकिस्तान की तरह मार्सल लौ नही लगा , व लोकतन्त्र मजबूत होता चला गया जिसे बचाने के लिये ,बोट देना अमिवार्य होना चाहिये यह एक नागरिक कर्तब्य है , । जनका की समझदारी बढामे के लिये मजबूत विपक्ष व संनेदनशील सरकार होना जरूरी है , ताकि तानाशाही ना हो । उन्होंने कहा कि हम सब काग्रेस के भ्रष्टाचार से लडते रहे पर , अब जो सरकार आई है यह तो काग्रेस की तूलना मे और ज्यादा भ्रष्ट है इसलिये चुनाव तो करना ही होगा , ।

कार्यक्रम के अन्त मे अपना आशिर्वचन देती हुई राधा बहिन ने कहा , कि लोकतन्त्र मे पाजनैतिक शिक्षण जरूरी है सिमिल सोसायटी को गुण दोष के आधार पर राजनैतिक बिमर्श को बिरोधियों के बीच मे भी ले जाना चाहिये , किन्तु किसी राजनैतिक दल के ऐजेन्ट के तौर पर यह नही करना चाहिये ,सिसिल सोसायटी को गुण दोष पर जरूर चर्चा करनी चाहिये उम्होंने कहा कि लोक शिक्षण के लिये लक्ष्मी आश्रम से जो भी बन पड़ेगा जरूर किया जायेगा ।

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