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पाकिस्तान मे रहकर भारत के लिये बोलना आसान काम नही है पर तारेख फतेह ने कभी इसकी परवाह नही की पाकिस्तानी उनके इस कृत्य पर उन्हें देश द्रोही कहते रहे पर तारेख फतेह ने कभी इसकी चिन्ता नही की पाकिस्तानी समाज मे भारतीय जड़ों को खोजने वाले तारेख फतेह का निधन हो गया बी बी सी की खबर के अनुसाल उन्होंने आज आखिरी सांस ली यह खबर भारत में उनके चाहने वालो के लिये भी दुखद है ।

तारेख फतेह डंके की चोट पर कहते रहे कि उनकी जड़ें अरब मे नही अपितु भारत मे है । वे पाकिस्तान को एक अप्राकृतिक देश कहते रहे बलूचिल्तान सिन्ध आदि के मसलों को वे उठाते रहे । तथा सेना के हस्तक्षेप के विरोधी थे उनका कहना था कि जैसे इण्ड़ोनेशिया एक बड़ा मुस्लिम देश होकर भी अपने नागरिको के नाम संस्कृत आधारित रखते है । उसी प्रकार भारतीय उपमहाद्वीप के मुस्लिमों को भी करना चाहिये तारेख फतेब अपने जीवन काल में हमेशा मुल्ला के ईश्लाम की खिलाफत करते रहे , वे अल्लाह के ईस्लाम की बात करते रहे । तथा दोनो मे फप्क को भी समझाते रहे । पाकिस्तानी टी बी चैनलों मे ही नही वे भारतीय टी बी चैनलों मे भी काफी लोकप्रिय भागीदार रहे

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