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अल्मोड़ा,नशा नहीं रोज़गार दो आंदोलन को लेकर आज यहां हुई बैठक में नशे एवं रोज़गार जैसे गंभीर सवालों पर समाज की तमाम सक्रिय एवं सकारात्मक ताकतों को एकजुट करने का संकल्प व्यक्त किया गया।

2 फरवरी 1984 को अल्मोड़ा ज़िले के बसभीड़ा (चौखुटिया) से शुरू हुए इस जनांदोलन के नेतृत्व में रहे नशा नहीं रोज़गार दो आंदोलन के संयोजक पी. सी. तिवारी ने कहा कि समाज में बढ़ते तरह तरह के नशे और रोज़गार की किल्लत ने युवाओं में जबरदस्त अवसाद पैदा हो रहा है जिसे दूर करने के लिए सभी सामाजिक, राजनीतिक शक्तियों, जनसंगठनों को एकजुट होने की ज़रूरत है।

आज उपपा कार्यालय में इस आंदोलन की 39 वीं वर्षगांठ की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में तमाम सामाजिक ताकतों के बीच इस सवाल पर खुली बातचीत करने का फैसला लिया गया।

इस आंदोलन के संयोजक तिवारी ने कहा कि इस वर्ष भी प्रतिवर्ष की भांति आंदोलन की शुरुवात करने वाले बसभीड़ा, चौखुटिया एवं द्वाराहाट क्षेत्र में जनसंपर्क संगोष्ठियां एवं बसभीड़ा में 2 फरवरी को जनसभा का आयोजन किया जाएगा।

तिवारी ने इस आंदोलन से जुड़े तमाम साथियों से 31 जनवरी को दोपहर 2 बजे नगरपालिका सभागार अल्मोड़ा में होने वाली खुली संगोष्ठी एवं 2 फरवरी को बसभीड़ा चौखुटिया पहुंचने की अपील की।

संगोष्ठी की तैयारी के लिए आयोजित बैठक में नशे की भीषण समस्या व रोज़गार को लेकर लगातार संवाद व अभियान चलाने का फैसला लिया गया।

बैठक में श्रीमती आनंदी वर्मा, नारायण राम, भावना मनकोटी, गोपाल राम, किरन आर्या, हीरा देवी, सरिता मेहरा, वसीम, राजू गिरी, उत्तराखंड छात्र संगठन की भावना पांडे व भारती पांडे आदि लोग शामिल रहे।

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