159 total views

उत्तराखण्ड़ मे  अंकिता भण्ड़ारी को न्याय मिले ।इसके लिये  सभी सड़को में है पर कुमाँऊ में औसतन प्रतिमाह नौ बालिकाओं का या तो अपहरण हो रहा है या भगाई जा रही है ।  कई मामलोंम में तो गरीब माता पिता भाग्य का रोना रोते रहते है ,पुलिस मे शिकायत तक दर्ज नही कराते ।कुमाऊ मे बालिकाओं की सुरक्षा  एक चिन्ता का विषय है । जो मामले पुलिस के पास जाते है उनमे बरामदगी भी होतीं हैं।  किन्तु जिन मामलों मे प्रतिष्ठा व सामाजिक बन्धनों के चलते कोई मामला ही दर्ज नही है वहां कार्यवाही भी नही होती अन्तत: वे बालिकाये नरक जैसा जीवन जी रही है । आँकड़े बताते है कि साल 2020 मे 91 महिलाये व वालिकाये   कुमाँऊ से भगाई गई या अपह्रत हुई । 2021 मे इसमे और बढोत्तरी हो गई आंकड़ा 122तक पहुंच गया । 2022 मे अब तक 75 लड़कियो व बालिकाओं के  अपहरण , व गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है  आकड़े बताते है कि 32महिनो मे लगभग 288महिलाओं व बच्चियों का अपहरण हो चुका है । इनमे से 241 महिलाये व बालिकाओं को पुलिस ने बरामद कर लिया अन्य लगभग 47 महिलाओं व बालिकाओं का कोई पता नही है ।

आँकडे बताते है कि अपहृत मामलों ंे नाबालिक बालिकाओं का आंकड़ा सबसे अधिक है । 2020 मे  71 नाबालिक 17 बालिग व 3 महिलाये  अपहृत हुई 2021में 94नाबालिक 21बालिंग व 1महिला का अपहरण हुवा ।2022मे 68 नाबालिक , 4बालिग व 3 महिलाये अपहृत हई है । हालंकि अधिकांश मामलों मे पुलिस ने इन्हें बरामद कर लिया ।  पर कई मामले ऐसे है जिन पर केश ही दर्ज नही है , उनका आंकड़ा काफी बड़ा है यह जांच का बिषय है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published.