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समय तेजी से बदल रहा है, एक समय था जब बच्चों केमनोपंजन के लिये बहुत से रिश्ते -नाते अडोसी -पड़ोसी हुवा करते थे । खेलने के लिये संवेदनाये -भावनाये थी,मित्र दोस्त हुवा करते थे , बच्चों को चुप कराने, समझाने के लिये छोटे- बड़े भाई व बहिनें थी, मारने, मार खाने, मन की करने , मन मारमे की शिक्षा -दिक्षा थी , किन्तु अब जमाना बदल रहा है बच्चे रोते है तो उन्हे मोबाईल चुप करा रहा है बच्चों का होमवर्क मोबाईल करा रहा है । बच्चों के साथ खेल भी मोबाईल खेल रहा है बच्चे मोबाईल के साथ इस कदर जुड़ गये है कि उसके बिना उन्हे जीवन अच्छा ही नही लगता ऐसी ही एक ह्ृदय विदारक घटना नोयडा मे घटित हुई ।जानकारी के मुताबिक 15 वर्षीय नाबालिग फोन पर हर वक्त गेम खेलता था रोकने टोकने पर मानता ही नही था उसे लत लग गई थी जिसके चलते उसकी पढ़ाई प्रभावित होती थी। एक दिन मोबाईल खराब हो गया तो परिजनों ने मोबाइल ठीक कराने से मना कर दिया। मामला बीटा 2 थाना क्षेत्र के एक इलाके का है। फिर बच्चे ने जो कदम उठाया उससे तो घर परवार के पैरों की जमीन ही खिसक गई ।

घटना पर खुलासा करते हुवे नोयडा के बीटा-2 थाना क्षेत्र के पुलिस के अनुसार नाबालिग अपने मोबाइल फोन पर गेम खेलने का आदी था। जिसके लिए उसके परिवार के सदस्य अक्सर उसे डांटते थे। बीते दिनों उसका मोबाइल फोन खराब हो गया। इस पर उसने परिजनों से मोबाइल ठीक कराने के लिए कहा, लेकिन परिजनों ने मना कर दिया। जिसके बाद गुस्से में वह कमरे में घुस गया और पंखे में रस्सी फंसाकर लटक गया।

घर वाले बच्चे को बचा पाते इससे पहले ही वह दरवाजा बन्द कर जब पंखे से लटक गया तो घर के लोगों को उसरे छटपटाने का अहसास हुवा ,।उसे पंखे से नीचे उतारने मे कुछ मिनटों का समय लगा क्योंक बच्चे ने अन्दर से दरवाजा बन्द कर दिया दरवाजा तोड़ना पड़ा जैसे ही परिजनों ने दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला और पास के एक अस्पताल में ले गए तो नाबालिक मर चुका था चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया। मीड़िया में प्रकाशित इस घटना के संबंध में ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त साद मियां खान के हवाले से कहा गया है कि 15 वर्षीय युवक अपने फोन पर गेम खेलने का आदी था। उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उसका फोन ठीक कराने से मना करने के बाद उसने आत्महत्या कर ली।

यह समाचार यह बताने के लिये कफी है कि विज्ञान के इस युग मे जब विज्ञान के अनेको लाभ हैतो वही संवेदनाओं का ह्रास भी हो रहा है , । बच्चों का संसार मोबाईल तक ही सिमट कर रह गयाहै ।

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