20 total views

अल्मोड़ा पैरामेड़िकल कोर्स करने के बाद छात्रों का पैरांमेड़िकल काउन्सलिंग मे रजिस्ट्रेशन ना होने पर छात्रों ने एक बार फिर से प्रशासन से रजिस्ट्रेशन कराये जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है ,। पैरामेड़िकल कोर्स कर चुके पूर्व छात्रों ने अपने ज्ञापन के माध्यम से आरोप लगाया है कि एक निजि शिक्षण संस्था द्वारा उनसे पैरामेड़िकल कोर्स कराया गया 2016 मे उन्होंने इस संस्था मे प्रवेश लेकर लगभग 2019 मे कोर्स पूरा किया ,जब कोर्स पूरा हुवा तो उन्हे पता चला कि पैरामेड़िकल काउन्सलिंग द्वारा 2015 से पैरामेड़िकल पंजीकरण बन्द कर दिये है ,। जिससे वे अपने को ठगा हुवा महसूस कर रहे है ,।यही नही पैरामेड़िकल काउन्सलिंग कालेज की डिग्री को बैध भी नही मान रहा है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में है।, विद्यार्थियों का कहना है कि यदि 10 दिन के भीतर सम्बन्धित संस्था के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नही हुई तो विद्यार्थी धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। इस सम्बन्ध में सम्बन्धित संस्था का पक्ष जानने की कोशिस की गई पर संस्थाध्यक्ष से सम्पर्क नही हो सका ।

डिप्लोमा जारी करने वाली इस शिक्षण संस्था पर कोर्स कर चुके छात्रों द्वारा आरोप लगाया गया है कि सम्बन्धित शिक्षण संस्था द्वारा अपने विद्यार्थियों को बताया गया कि उनका संस्थान  महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल यूनिवर्सिटी से डिग्री देता है  , परन्तु पैरा मेडिकल काउंसिल का कहना है कि  महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल यूनिवर्सिटी द्वारा पैरामेडिकल काउंसिल से कोर्स कराने की मान्यता नही ली गयी है।, इस पर महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढवाल विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मान्यता के लिये आवेदन किया था, पर उन्हे तकनीकि कारणों मान्यता नही दी गई , जबकि इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध बताये जा रहे निजि कालेज से जिन छात्रों ने  बी०एम्०एल०टी (3 वर्षीय बेचलर कोर्स ) किया उनके रजिस्ट्रेशन  पैरामेडिकल काउंसिल द्वारा नही किये जा रहे है ।और 100 से भी अधिक विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में है ,जिससे विद्यार्थी में मानसिक तनाव बन रहा है,।

इस सम्बन्ध मे पैरामेडिकल काउंसिल का नियम है कि बिना रजिस्ट्रेशन के अभ्यर्थी किसी भी संस्था में कार्य नही कर सकते है, यदि कोई भी अभ्यर्थी बिना रजिस्ट्रेशन के कार्य करता हुआ पाया जायेगा तो उस पर जुर्माना और जेल हो सकती है इसमे विद्यार्थियों का कहना।ऐसे मे आन्दोलन ही एकमात्र विकल्प है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published.