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बागेश्वर के खाती गांव मे स्थित रा ई का खाती में इन दिनों बालिकाये मास हिस्टीरियां की शिकार हो गई है ।।स्कूल मे कई बालिकाये सामुहिक रूप से बेहोस हो रही है चीखने चिल्लाने लगती है , इससे समुचे स्कूल मे भय का लातावरण हो रहा है । अविवाहकों द्वारा इसके लिये पूजा पाठ भी करा लिया गया है पर कोई सुधार नही हो रहा । क्या होता है मास हिस्टीरिया
दरअसल हिस्टीरिया एक नगेटिव चिन्तन है , जो रोगी को मानसिक रूप से बिमार कर देता है , पहला रोगी जब अपनी इस विमारी के अनुभव को अन्य रोगियों के साथ साझा करता है तो वे भी इसकी चपेट में आ जाते है , पहाड़ों मे मसाण , भूत, प्रेत .छल , टोला , मुड़कट , आदि ऐसी कहानियां है जो पीढी दर पीढी माता पिता से बच्चो को सुनाई जाती रही है ड़गरिये इस के संवाहक व उपचार कर्ता होते है , कभी -कभी इस सब के उपचार के लिये सख्त ड.गरिये व जगरिये की जरूरत होती है पर फिर भी उपचार नही होता ।
हवन चिकित्सा सर्वोत्तम उपाय.
मास हिस्टीरिया एक नकारात्मक चिन्तन से उपजी विमारियों का नाम है ,वेद मन्त्रों में इस नकारात्म ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा मे बदलने की शक्ति मौजूद है ऋग्वेद का पहला मंत्र ओऊम् विश्वानि देव सावितरदूरीतानी परा सुव: यद् भद्रम तन्न आ सुव: यह उदघोषित करता है कि हे संसार के अधिपति देव हमारे सभी दुर्गुणों को दूर करों अग्नि मे डाली गई आहुतियां इन नकारात्मक शक्तियों का अन्त कर देती है ।
स्कूल में क्यों परेशान हो रही है छात्राये ं
इसके कई कारण हो सकते है पहला कारण नगेटिव ऊर्जा ही है , पर यह क्यों पैदा हो रही है , इसका जबाब है कि उन मे से उस पहली बालिका पर कोई मानसिक दबाव है जो सबसे पहले बिमार हुई ,इसी से इसका प्रसार हुवा ,।धीरे -धीरे जब दबाव कम होगा तो यह विमारी स्वत; नष्ट हो जायेगी पर स्कूल के वातावरण में ,सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाना होगा ।