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अल्मोड़ा 16 फरवरी, अपर जिलाधिकारी सी0एस0 मर्तोलिया ने बताया कि वर्तमान में प्रवृत्त सर्किल दरो को प्रचलित बाजार दरों के सुसंगत एवं तर्कसंगत बनाने के दृष्टिगत पुनरीक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में कोविड महामारी के चलते सर्किल दरों को पुनरीक्षित नहीं किया गया था। वर्ष 2022 में विकासात्मक गतिविधियां तीव्र होने के पश्चात सम्पत्तियों के क्रय-विक्रय में वृद्धि होने के साथ-साथ उनके सम्पत्ति के मूल्य में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि विकासात्मक गतिविधियां यथा नगरीकरण, पर्यटन हाट-स्पाट, राज्य के बाहर के व्यक्तियों द्वारा क्रय-विक्रय, स्थानीय कस्बे एवं बाजार के रूप में विकसित, नेशनल हाईवे एवं स्टेट हाईवे वाले क्षेत्र को केन्द्र में रख कर सर्किल दरों को पुनरीक्षित करने में अनौपचारिक बाजारी सर्वे तहसीलदार, नगर अधिशासी अधिकारी आदि की रिपोर्ट, रियल स्टेट पोर्टल पर प्रख्यापित दरें, अधिक मूल्य पर पंजीकृत विलेखों के औसत के आधार पर प्राप्त दरें तहसील एवं जनपद स्तर पर व्यावसायिक गतिविधियों, अंर्तजनपद सीमाओं पर स्थित समतुल्य विकासात्मक दशाओं आदि तथ्यों के अतिरिक्त जी०आई०एस० मैपिंग आधारित अध्ययन का भी विश्लेषण कर पुनरीक्षण किया गया है।
उन्होंने बताया कि जनपद में कृषि भूमि के कुल 3154 क्षेत्रों में 28.8 प्रतिशत (9.6 प्रतिशत औसत वार्षिक) तथा अकृषि भूमि के कुल 3349 क्षेत्रों में 51 प्रतिशत (17 प्रतिशत औसत वार्षिक) वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि जनपद में यह वृद्धि 03 वर्ष के अंतराल पर की गयी है। जनपद के 2303 कृषि भूमि क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से कम वृद्धि तथा 1593 अकृषि भूमि क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से कम वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि सर्किल दरों में विसंगति दूर करते हुए जनपद के गरकोट, लोहेडा, रीठा, कुनियाल गाँव आदि 47 क्षेत्रों के सर्कल रेट में 49-46 प्रतिशत तक की कमी की गयी है जिसे 49 लाख से घटाकर 25 लाख प्रति है0 किया गया है तथा 4 क्षेत्रों में कोई वृद्धि नही की गई है।
उन्होंने बताया कि जनपद अल्मोड़ा के माल रोड, पाटाल बाजार क्षेत्र, लोअर माल रोड व कसारदेवी तथा रानीखेत क्षेत्र में 50-100 प्रतिशत वृद्धि की गयी है। अल्मोडा-कोसी कौसानी मोटर मार्ग पर कृषि भूमि में मात्र 1 प्रतिशत की वृद्धि तथा अकृषि भूमि में 10 प्रतिशत से कम वृद्धि की गयी है। उन्होंने बताया कि सर्किल दरों के पुनरीक्षण से राजस्व वृद्धि के अतिरिक्त काश्तकारों की मुआवजा राशि में वृद्धि होगी, भू-स्वामी को उचित दाम प्राप्त होगा, गृहस्वामी एवं व्यवसायियों एवं निवेशकों को वित्तीय संस्थाओं से ऋण की प्राप्ति होगी जिससे विकास को गति मिलेगी।

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