105 total views

कॉप 27, युवा व नागरिक संगठनों ने निभाई अपनी ज़िम्मेदारी

शर्मअल शेख (मिस्र) में जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गए अल्मोड़ा के जन्मेजय तिवारी और नैनीताल उच्च न्यायालय की अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी स्वदेश लौट आए हैं। वापसी पर इन दोनों युवाओं ने कहा कि COP 27 में विश्व के तमाम देशों से पहुंचे युवाओं और नागरिक संगठनों की सक्रियता व लॉबिग से सम्मेलन में विकसित व विकासशील देशों के बीच नुकसान एवं क्षतिपूर्ति के सिद्धांत पर सहमति हुई है। सम्मेलन के दौरान इन युवाओं ने विभिन्न देशों कि मंत्रियों सांसदों के अतिरिक्त भारत के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. भूपेंद्र सिंह यादव से भी मुलाकात की।
संयुक्त राष्ट्र की ओर से संयुक्त राष्ट्र फ्रेम वर्क ऑफ क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस (यूएनसीसी) की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में विश्व के लगभग 200 देशों की सरकारों एवं जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से चिंतित नागरिक संगठनों ने भागीदारी की। सम्मेलन के दौरान इन लोगों ने भारत सरकार के अधिकारियों, मंत्रियों के साथ नॉर्वे, जापान, बेल्जियम, जर्मनी समेत विश्व के तमाम देशों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन के कारण आ रही विपदाओं पर उनसे चर्चा की जिसकी वैश्विक मीडिया में भी काफी चर्चा रही। जन्मेजय ने बताया कि भारत के युवाओं ने पर्यावरण मंत्री माननीय डॉ. भूपेंद्र यादव से हुई वार्ता में जलवायु परिवर्तन क्षेत्र में काम कर रहे देश के युवाओं को सरकार के आधिकारिक प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा बनाने एवं गतवर्ष ग्लास्गो (स्कॉटलैंड) में मंत्री जी से हुये विचार को कार्यरूप देने के लिए निर्देश देने की मांग की।
इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री ने कहा कि धरती पर जलवायु परिवर्तन की विभीषिका को देखते हुए सरकारों के साथ समाज को भी अपनी जीवन पद्धति में बदलाव लाने की जरूरत है।
उन्होंने हर हफ्ते बृहस्पतिवार को 2 से 3 बजे तक इस मामले में युवाओं से खुले मन से विचार करेगा।
स्निग्धा और जन्मेजय ने कहा कि वो COP 27 के अनुभव को उत्तराखंड व देश के युवाओं के साथ साझा करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.